काशी विश्वनाथ, अयोध्या की तर्ज पर पंचवटी-त्रयंबकेश्वर का विकास करें: राज्यपाल
छत्रपति शिवाजी महाराज का किया गुणगान

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने काशी विश्वनाथ और अयोध्या कॉरिडोर की तरह पंचवटी-त्र्यंबकेश्वर एकीकृत कॉरिडोर विकसित(Develop Panchavati-Trimbakeshwar on the lines of Kashi Vishwanath, Ayodhya) करने का आह्वान किया है. कोश्यारी ने कहा भारतीय सभ्यता पुरानी है और साथ ही हमेशा नई है, उन्होंने दुनिया भर में भारतीय संस्कृति और सभ्यता के बारे में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया.
वे मंगलवार को मुंबई के गिरगांव चौपाटी स्थित भारतीय विद्या भवन के सभागार में एक दिवसीय संगोष्ठी ‘विकासयात्रा – भारतीय बौद्धिक विरासत के नए परिप्रेक्ष्य’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे.
यह संगोष्ठी केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा मुंबादेवी आदर्श संस्कृत महाविद्यालय (MASM) के सहयोग से आयोजित की गई थी. इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी, श्री करपात्री धाम के पीठाधीश स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह, भारतीय विद्या भवन के संस्कृत अध्ययन निदेशक डॉ गिरीश जानी और MASM के प्रभारी प्राचार्य डॉ गणपति हेगड़े, विद्यार्थी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे. राज्यपाल ने इस अवसर पर विकास यात्रा की स्मारिका का विमोचन किया. इससे पूर्व भवन के संगीत नर्तन शिक्षा पीठ के छात्र-छात्राओं ने मंगलाचरण व कुलगीतम प्रस्तुत किया.
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्राचीन है-निरंतर परिवर्तनशील है और यूरोप में पुनर्जागरण की तरह भारतीय पुनर्जागरण आज हो रहा है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आज यहां कहा कि काशी और अयोध्या के पुनरुद्धार की तरह राज्य में पंचवटी-त्र्यंबकेश्वर कॉरिडोर विकसित किया जाना चाहिए.
राज्यपाल के बयान पर मचा है विवाद
इससे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज पर उनके बयान से बवाल मच गया था. उन्होंने कहा था कि छत्रपति पुराने हीरो हैं जबकि शरद पवार और नितिन गडकरी आधुनिक हीरो हैं. उनके इस बयान को राजनीति मुद्दा बना कर विपक्ष हमलावर है. राज्यपाल के उस बयान के बाद उन्हें महाराष्ट्र से वापस भेजने की मांग हो रही है. लेकिन उन्होंने गुणगान कर विरोध की धार कुंद करने का प्रयास किया है. इस कार्यक्रम में कोश्यारी ने कहा कि महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज के प्रयासों से भारत का स्वाभिमान बचा हुआ है.
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के कई वर्षों के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप आदि के प्रयासों से भारत एक बार फिर विश्व में स्वाभिमान के साथ खड़ा है. भारत के बारे में जानने के लिए दुनिया के लोग उत्सुक हैं. राज्यपाल ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में मातृभाषा, संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखा जाना चाहिए.