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बीएमसी कार्यालय को लेकर शिवसेना के दोनों गुटों में भिडंत

शिंदे गुट ने किया ऑफिस पर कब्जा, दोनों गुटों के बीच जमकर नारेबाजी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.शिवसेना उद्धव गुट और शिंदे गुट के नगरसेवक बीएमसी स्थित शिवसेना कार्यालय को लेकर आपस में भिड़ गए. (Clash between two factions of Shiv Sena over BMC office) शिंदे गुट बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे मुंबई नगर निगम में शिवसेना के पार्टी कार्यालय पर कब्जा कर लिया. शिंदे गुट के कब्जे की सूचना पर पहुंचे उद्धव गुट के पूर्व नगरसेवक भी पहुंच कर विरोध किया जिससे दोनों गुटों के बीच मारपीट की नौबत आ गई. बीएमसी मुख्यालय में हो रहे बवाल के बीच पुलिस ने हस्तक्षेप कर दोनों गुटों को वहां से खदेड़ दिया.
गौरतलब हो कि कई महीनों से  शिवसेना ऑफिस खाली था. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने पिछले सप्ताह अपने पूर्व नगरसेवकों को आदेश दिया कि वे रोज 20 नगरसेवकों की टीम बना कर बीएमसी ऑफिस में मौजूद रहें. आदेश के अनुसार नगरसेवक बीएमसी ऑफिस आने लगे. इसकी खबर लगने  शिवसेना पार्टी कार्यालय में बुधवार शाम को बालासाहेब की शिवसेना सांसद राहुल शेवाले, पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव, पूर्व नगरसेवक शीतल म्हात्रे, पूर्व विधायक अशोक पाटिल विभाग प्रमुख दिलीप नाइक, ठाणे के पूर्व महापौर नरेश मस्के और कार्यालय के नेतृत्व में शिवसेना पार्टी कार्यालय के पदाधिकारी बाहर हुए स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष यशवंत जाधव ने भी नाम की पट्टी हटाई और फिर शिवसेना के पार्टी कार्यालय पर कब्जा कर लिया.
Face of between two factions of ShivSena at BMC
Face of between two factions of ShivSena
लेकिन महज 15 से 20 मिनट में शिवसेना उद्धव गुट के पूर्व पार्षद और कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए पार्टी कार्यालय में घुस गए. लिहाजा माहौल काफी गर्म हो गया. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के पूर्व नगरसेवकों ने नजदीक के ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं और पूर्व नगरसेवकों को भी बुला लिया.
ठाकरे गुट के विभाग प्रमुख पांडुरंग सकपाल और बेस्ट कमेटी के पूर्व अध्यक्ष आशीष चेंबूरकर के नेतृत्व में लगभग 25 से 30 शिवसैनिक पार्टी कार्यालय में घुस गए. उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के पूर्व शिवसेना नगरसेवक सचिन पडवाल, रमाकांत रहाटे ने भी जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी.
 दोनों गुटों के बीच नारेबाजी की सूचना पर पहुंची आजाद मैदान पुलिस और पुलिस उपायुक्त ने दोनों गुटों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था. अंतत: पुलिस ने बल प्रयोग कर दोनों गुटों को पार्टी कार्यालय से खदेड़ दिया. पार्टी कार्यालय से बाहर निकालने के बाद भी  दोनों गुटों द्वारा नगर निगम मुख्यालय के बाहर नारेबाजी जारी रही.

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