बीएमसी में पार्टी कार्यालय सील होने के बाद उद्धव गुट आक्रामक/ बीएमसी कमिश्नर के सामने आंदोलन
नामपट को रंगने मिटाने को लेकर चला ड्रामा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई महानगरपालिका ( BMC Headquarters) में बुधवार को शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच मचे घमासान को शांत करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. गुरूवार को बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने सभी पार्टी कार्यालयों को सील करा दिया. पार्टी कार्यालय सील होने से आक्रोशित उद्धव गुट के पूर्व नगरसेवकों ने बीएमसी कमिश्नर के कक्ष के बाहर आंदोलन किया. उद्धव गुट के नेताओं की मांग थी कि पार्टी कार्यालय पर लगा सील हटाया जाए. (After the party office is sealed in BMC, Uddhav faction aggressive)
छावनी में बदलाव बीएमसी मुख्यालय
शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच विवाद, आंदोलन, नारेबाजी के कारण दो दिन से बीएमसी मुख्यालय को छावनी में बदल दिया गया है. बीएमसी के सभी गेट पर पुलिस वैन तैनात है. बीएमसी सिक्योरिटी को भी मुश्तैद कर दिया गया है.
शिवसेना में बगावत के बाद शिंदे गुट में पूर्व स्थाई समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव के शामिल होने पर उद्धव गुट के नेताओं ने बीएमसी में शिवसेना कार्यालय के बाहर लगे यशवंत जाधव के नाम पट पर पट्टी चिपका दी थी. शिवसेना से अलग होने के बाद पहली बार बीएमसी मुख्यालय पहुंचे जाधव ने पार्टी कार्यालय में इंट्री से पहले नाम पर चिपकाई गई पट्टी को हटा दिया था. गुरूवार को उद्धव गुट के नेताओं दुबारा जाधव के नाम को पेंट से रंग दिया.

पुलिस और बीएमसी सुरक्षा के बावजूद शाम चार बजे के करीब यशवंत जाधव के नाम पर पोता गए पेंट को किसी ने निकाला दिया. कहा जा रहा है कि यह यशवंत जाधव के किसी खास व्यक्ति का कारनामा है. मीडिया को दिए बयान में जाधव ने उद्धव गुट के नगरसेवकों को चुनौती देते हुए कहा कि मैं यशवंत जाधव हूं. किसी में इतनी हैसियत नहीं कि हमारे नाम को मिटा सके.
बीएमसी में सभी पार्टियों ने अपने कार्यालय में स्टाफ रखे थे. कार्यालय सील होने के बाद स्टाफ को बैठने के लिए जगह ही नहीं बची है. स्टाफ दिन भर भटकता रहा. शिवसेना विवाद के कारण सभी पार्टियों के कार्यालय सील कर दिए गए. हालांकि कहा जा रहा है कि यह सील अस्थाई तौर पर लगाई गई है. शिवसेना का कार्यालय छोड़ कर अन्य पार्टियों के कार्यालय को खोल दिया जाएगा.




