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बुलेट ट्रेन परियोजना के काम में तेजी, रीवर ब्रिज हो रहा तैयार

महाराष्ट्र में 98.7 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. अहमदाबाद-मुंबई  बुलेट ट्रेन परियोजना  (Ahamdabad Mumbai Bullet Train Project Work in progress) के काम में तेजी आ गई है. 508.17 किमी लंबे बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर कई रिवर ब्रिज का निर्माण जोर से चल रहा है. एमएएचएसआर कॉरिडोर पर पहला  रिवर ब्रिज 70 प्रतिशत से ज्यादा तैयार गया है.

बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट का 384.04 किमी हिस्सा गुजरात में,155.76 किमी हिस्सा महाराष्ट्र में और 4.3 किमी हिस्सा दादरा नगर हवेली में है. गुजरात तथा दादरा और नगर हवेली में 352 किमी के लिए 100% सिविल और ट्रैक का काम शुरू है.

पार, ताप्ती, माही, साबरमती नदी पर ब्रिज

मुंबई, ठाणे छोड़ कर पूरे महाराष्ट्र और गुजरात में बन रहा बुलेट ट्रेन कोरीडोर पूरी तरह एलीवेटेड है. गुजरात-महाराष्ट्र सीमा के पास बलसाड़ में पार नदी पर पहला ब्रिज 70 प्रतिशत पूरा हो गया है. एनएचआरसीएल की मुख्य प्रवक्ता सुषमा गौड ने बताया कि नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती जैसी महत्वपूर्ण नदियों पर पुल निर्माण का कार्य प्रगति पर है. परियोजना का पहला ब्रिज जिस नदी पर बन रहा है,उसकी चौड़ाई 320 मीटर है. इसमें 8 फुल स्पैन गर्डर्स (प्रत्येक 40 मीटर) के लगाए जा रहे हैं. पियर्स की ऊंचाई 14.9 से 20.9 मीटर है,जबकि गोलाकार पीयर्स का व्यास 4-5 मीटर है.
गुजरात के 8 जिलों में काम प्रगति पर 
गुजरात के 8 जिलों में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम प्रगति पर  है. शत प्रतिशत जमीन अधिग्रहण के साथ एलिवेटेड का निर्माण कार्य शुरू है. नदियों पर पुल  बनाए जा रहे हैं. यहां तक पटरियां बिछाने का काम भी शुरू हो गया है. गुजरात के 8 जिलों में एलाइनमेंट के साथ-साथ पाइलिंग, फ़ाउंडेशन, पियर, पियर कैप्‍स, वायडक्ट और स्टेशनों के लिए गर्डरों की कास्टिंग और इरेक्शन का कार्य तेजी से किया जा रहा है. वापी से साबरमती तक सभी 8 एचएसआर स्टेशनों पर कार्य निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. सूरत डिपो सभी 128 फाउंडेशन पूरे हो चुके हैं. सूरत और आनंद एचएसआर स्टेशनों पर प्रत्येक 50 मीटर के पहले रेल स्तर के स्लैब डाले गए हैं.
बीकेसी से शिलफाटा तक सुरंग
राज्य में सरकार बदलने के बाद काम में काफी तेजी आई है. महाराष्ट्र में  98.76% भूमि अधिग्रहण हो चुका है. बुलेट ट्रेन के लिए बीकेसी से ठाणे के शिलफाटा तक 21 किमी लम्बी सुरंग बनाई जाएगी. मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग कर 7 किमी अंडर-सी टनल भी बनेगा.यह सुरंग जमीनी स्तर से करीब 25 से 65 मीटर गहरी होगी और सबसे गहरा निर्माण शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा. इसका काम जल्द ही शुरू होगा. बीकेसी में भूमिगत स्टेशन का काम शुरू होगा. कोरोना और भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की
डेडलाइन  बढ़ा कर 2027 कर दी गई है. पहले यह डेड लाइन 2023 रखी गई थी.

चार आगे साल बढ़ गई डेडलाइन 
2017 में शुरू हुई बुलेट ट्रेन परियोजना को 2023 तक पूरा करना था,लेकिन विभिन्न कारणों से इसकी डेडलाइन 2027 कर दी गई है. बुलेट ट्रेन के रास्ते में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से 8 गुजरात में, 4 स्टेशन महाराष्ट्र में बनने हैं. एनएचआरसीएल अधिकारियों के अनुसार शुरू में यह परियोजना 1.10 लाख करोड़ थी,परन्तु देरी के साथ लागत बढ़  रही है. 3 पैकेज में काम हो रहा है.
स्टेशनों के नाम 
 गुजरात में  8 स्टेशन जिसमें वापी , बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद/नडियाद, अहमदाबाद और साबरमती
महाराष्ट्र में 4 स्टेशन मुंबई (बीकेसी), ठाणे, विरार और बोइसर

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