धारावी के अवैध धार्मिक स्थलों को संरक्षण नहीं, इंडस्ट्रियल और बिजनेस के लिए बनेगा अलग जोन
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की घोषणा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. धारावी न केवल राज्य बल्कि देश और दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्वास परियोजना (Dharavi Redevelopment) है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (DCM Devendra Fadnvis) ने विधान सभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस परियोजना के माध्यम से कुल 59 हजार 165 परिवारों के 46 हजार 191 निवासी और 12 हजार 974 कमर्शियल परिवारों का पुनर्विकास किया जाएगा. यहां के वैध धार्मिक स्थलों को संरक्षण मिलेगा.
फडणवीस ने विधानसभा में धारावी परियोजना के संदर्भ में लिए गए विभिन्न फैसलों की जानकारी दी. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में प्रत्येक व्यक्ति को वर्तमान आवास से अधिक क्षेत्रफल का फ्लैट मिलेगा.
फडणवीस ने कहा कि धारावी में रहने वाले लोगों को वर्तमान की तुलना में बेहतर फ्लैट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निविदा मंगाई गई थी. इस टेंडर के बाद रेलवे साइट का अधिग्रहण किया गया. इसलिए नया टेंडर बुलाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए बेहतरीन काम करने वाली कंपनियों को न्योता दिया गया था. टेंडर में संशोधन कर दोबारा टेंडर किया गया. तीन कंपनियों ने निविदा भार. इस निविदा को नियम एवं शर्तें तय करने के बाद स्वीकार कर लिया गया है.
धारावी के बिजनेस हब है
उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि धारावी एक बिजनेस हब है. इसे नजरअंदाज करने से काम नहीं चलेगा. देश और प्रदेश के आर्थिक मामलों में धारावी का योगदान बहुत बड़ा है. इन बातों को ध्यान में रखकर प्लानिंग करनी होगी. इसलिए यहां इंडस्ट्रियल और बिजनेस जोन के साथ सुविधा केंद्र बनाया जाएगा. इससे धारावी के उद्यमियों को फायदा होगा. उनके पुनर्वास के बाद अगले पांच साल के लिए टैक्स छूट भी दी जाएगी. उनसे वसूले गए जीएसटी का रिफंड भी दिया जाएगा. ये पुनर्विकसित इमारतें मेंटिनेंस फ्री होंगी.
2011 के बाद बने घरों को किराए पर रहने की सुविधा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि धारावी डेवलपमेंट में केवल वैध धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जाएगी. 2011 तक के निवासी सुरक्षित हैं, लेकिन जो इसके बाद अपात्र हो जाएंगे उन्हें किराए पर मकान दिया जाएगा , कानूनी रास्ता अपनाया गया है. इस जगह पर मौजूदा घरों से बड़े आकार के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे.




