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बीएमसी समुद्र और नदियों में छोड़े जा रहे गंद पानी को लेकर गंभीर, तैयार करेगी डीपीआर रिपोर्ट

ओशिवरा, दहिसर और पोईसर नदियां होंगी प्रदूषण मुक्त

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई महानगरपालिका समुद्र और नदियों में छोड़े जा रहे सिवरेज ( SWD) के गंदे पानी को लेकर गंभीर कदम उठा रही है. (MCGM Make DPR Report for Sewerage) सिवरेज लाइन से समुद्र में मल प्रवाह को रोकने बीएमसी डीपीआर रिपोर्ट तैयार करगी. इसके लिए बीएमसी सलाहकार नियुक्त किया है.

मुंबई की नदियों और समुद्र में सिवरेज का गंदा पानी छोड़े जाने से प्रदूषण बढ़ रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने समुद्र को प्रदूषित करने के लिए 25 करोड़ जुर्माना भी लगा चुका है. एनजीटी की फटकार के बाद नींद से जागी बीएमसी अब मुंबई शहर और उपनगरों से समुद्र में छोड़े जाने वाले प्रदूषित पानी को रोकने के लिए गंभीरता दिखा रही है. मुख्य नाले के अलावा छोटे नालों से बिना प्रक्रिया किए होने वाले मल प्रवाह का पता लगा कर रोकने के डीपीआर रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है. इसके लिए बीएमसी ने सलाहकार नियुक्त किया है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( National Green tribunal) ने वर्ष 2019 में समुद्र एवं नदियों में छोड़े जा रहा सिवरेज के गंदे पानी को रोकने और 100 प्रतिशत प्रक्रिया करने के बाद ही छोड़ने का आदेश दिया था. एनजीटी ने यह भी आदेश दिया था कि बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नदी, तालाब अथवा खाड़ी में होने वाले प्रदूषण (स्ट्राम वाटर को छोड़कर) को रोकने उपाय योजना तैयार करे.

 

इसी के तहत बीएमसी ने मुंबई की तीन नदियों को पुनर्जीवित करने, बालभट-ओशिवरा (29.25 एमएलडी) दहिसर नदी (16.50 एमएलडी) पोईसर नदी (60.70 एमएलडी) के लिए परियोजना प्रबंधन के लिए मेसर्स टंडन अर्बन सोल्यूशन प्रा.लि को सलाहकार नियुक्त किया है. इस पर बीएमसी 4 करोड़ 21 लाख रुपए खर्च करेगी. सलाहकार नदियों में जा रहे प्रदूषित पानी को प्रतिबंधित करने और उसे प्रक्रिया केंद्र तक घुमाने के लिए डीपीआर रिपोर्ट तैयार करेगा. नदियों में होने वाले मल प्रवाह रुकने से प्रदूषण मुक्त हो जाएंगी.

 

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