सैफी अस्पताल में नकली इंजेक्शन से ही हुई थी मरीज की मौत
अस्पताल, आपूर्तिकर्ता के खिलाफ एफडीए ने दर्ज कराया एफआईआर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. सैफी अस्पताल (Saifee hospital) में इलाज करा रहे एक मरीज की मौत नकली इंजेक्शन (patient death by Fake injection) से लगाने से हुई थी. इसकी पुष्टि एफडीए (Food and Drugs Administration Maharashtra) ने कर दी है. एफडीए अधिकारी द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर, वीपी रोड पुलिस ने मुंबई में सैफी अस्पताल के मेडिकल विभाग, ठाणे, पुणे औरंगाबाद और दिल्ली में एकरा फार्मा सेंटर आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. वीपी रोड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किशोर शिंदे ने बताया कि मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
गौरतलब हो कि रेड ब्लड सेल्स कम होने की वजह से विवेक कांबले का सैफी अस्पताल में इलाज चल रहा था. अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें ओरोफर (Orofer injection) का इंजेक्शन लगाया था. इंजेक्शन के साइड इफेक्ट के कारण मरीज की मौत हो गई. इस मामले में मरीज के परिजनों ने एफडीए से शिकायत की थी. एफडीए ने मरीज के परिजनों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए तुरंत अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की थी. 10 से 11 नवंबर के बीच की गई इस कार्रवाई में, एफडीए ने ओरोफर इंजेक्शन के अस्पताल के भंडार का निरीक्षण किया. अस्पताल में उपलब्ध इंजेक्शन का स्टॉक जब्त कर इंजेक्शन के कुछ नमूने जांच के लिए पुणे की एक प्रयोगशाला में भेजे थे. प्रयोगशाला की रिपोर्ट से पता चला कि FMC इंजेक्शन बैच नंबर ELF8BB 2001 Mfg 05/2022 Exp 04/2025 नकली और अप्रमाणित था. उसके बाद एफडीए ड्रग इंस्पेक्टर राजेश बनकर ने बीपी रोड पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
मुंबई से लेकर दिल्ली तक पहुंची एफडीए की जांच
चर्नी रोड स्थित सैफी अस्पताल के मेडिकल स्टोर से शुरू हुई नकली इंजेक्शन की जांच मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद और दिल्ली तक पहुंच चुकी है. इसके मुताबिक इस क्षेत्र के 11 मेडिकल व सप्लायरों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.
एफडीए अधिकारी ने बताया कि ओरोफर इंजेक्शन का निर्माण एमक्योर फार्मास्युटिकल लिमिटेड (Emcure pharmaceutical limited) ने किया था. सैफी अस्पताल प्रकरण के बाद एफडीए ने भारत में सप्लाई किए गए इंजेक्शन को वापस मंगाने के लिए संबंधित औषधि नियंत्रकों को सूचित किया था. इस सूचना के बाद एमक्योर फार्मास्युटिकल ने उस बैच की के इंजेक्शन वापस मांग था. नवंबर तक 467 वायल वापस आ गए थे. पुलिस का कहना है कि इस मामले आगे जांच की जा रही है.