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बड़े भूखंडों का डेवलपमेंट, बीएमसी की नई नियमावली

कुल क्षेत्रफल में 5 प्रतिशत मियावाकी वन लगाना अनिवार्य

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. बीएमसी (BMC) ने मुंबई में 10 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंडों को डेवलप करते समय मियावाकी वन (Miyawaki Van Compulsory over 10000 square meter land) लगाना अनिवार्य कर दिया है.    (Development of large plots, new rules of BMC) बड़े भूखंड को डेवलप करते समय भूखंड के कुल क्षेत्रफल के 5 प्रतिशत भाग पर मियावाकी वन लगाना होगा. बीएमसी के इस निर्णय से मुंबई में हरियाली के साथ पर्यावरण की रक्षा हो सकेगी. बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल के मार्गदर्शन में अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी भिडे ने अहम निर्णय लिया है.
 मुंबई में पर्यावरण पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालने वाले इस निर्णय के तहत अब प्लॉट पर भवन निर्माण करते समय प्लॉट के खुले क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में ‘मियावाकी वृक्षारोपण/शहरी वन’ विकसित करना अनिवार्य है. बीएमसी  पार्क अधीक्षक  जितेंद्र परदेशी ने विश्वास व्यक्त किया है कि बहुत कम जगह में अधिक पेड़ लगाने की इस पद्धति से निश्चित रूप से मुंबई क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को गति मिलेगी.
परदेशी  ने कहा कि मुंबई मनु क्षेत्र में 10,000 वर्ग मीटर के भूखंड पर भवन का निर्माण करते समय विकास नियंत्रण नियम ‘ओपन स्पेस’ (एलओएस: लेआउट ओपन स्पेस) के रूप में निर्धारित आकार का स्थान होना अनिवार्य है.  इसके अनुसार अब खुले क्षेत्र के लिए निर्धारित 5 प्रतिशत क्षेत्र में ‘मियावाकी वन’ विकसित करना अनिवार्य कर दिया गया है. यदि संबंधित विकासकर्ता को इस ‘मियावाकी वन’ को विकसित करने के लिए किसी तकनीकी मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी, तो वही जानकारी उद्यान विभाग द्वारा दी जाएगी.
परदेशी ने कहा कि मियावाकी के जंगलों में पेड़ सामान्य जंगलों की तुलना में तेजी से बढ़ते हैं. समान ऊंचाई का एक पेड़ आमतौर पर सामान्य रूप से लगाए गए पेड़ के बढ़ने में आधे से भी कम समय में बढ़ता है. साथ ही, मियावाकी-शैली के जंगल, जो आमतौर पर 2 वर्षों में विकसित होते हैं, पेड़ों के बीच कम दूरी के कारण सघन होते हैं.
इन वनों की एक अन्य विशेषता यह है कि इन्हें आरंभिक दो या तीन वर्षों तक नियमित रख-रखाव की आवश्यकता होती है. उसके बाद ये जंगल प्राकृतिक रूप से बढ़ते चले जाते हैं. बिना किसी रुकावट के जीवन प्रदान करते रहे. इसे ध्यान में रखते हुए मुंबई में मियावाकी के जंगलों को मुंबई शहर का फेफड़ा कहा जा सकता है.

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