कैंसर से हर घंटे हो रही 159 लोगों की मौत, भयानक रूप से बढ़ रहा कैंसर, बजी खतरे की घंटी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Cancer दिल्ली. दुनियाभर में कैंसर (Cancer) के मरीजों की बढ़ती संख्या न सिर्फ केवल डॉक्टर चिंतित हैं बल्कि वैश्विक स्तर पर लोग सहम गए हैं. कैसर से हर घंटे 159 लोगों की जान जा रही है. कैंसर से पूरी दुनिया में खतरे की घंटी बज गई है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2010 में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 82.9 लाख थी, जबकि 2019 में यह संख्या 20.9% बढ़कर एक करोड़ हो गई है. (159 people die every hour due to cancer, the alarm bell rang horrifyingly)
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में दुनिया भर जितने कैंसर के मरीज हैं उसमें भारत का हिस्सा 20% है. इससे करीब 75,000 हजार लोगों की मौत हो जाती है. न केवल ये आंकड़े बल्कि कैंसर की गंभीरता का भी पता चलता है कि कैंसर विश्व स्तर पर मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में से यह एक है.
2025 तक 15.69 करोड़ मौत का अनुमान
भारत ही नहीं दुनिया भर में कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या डाक्टरों के लिए चिंता का विषय बन गया है. राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार, 2020 में लगभग 14 लाख लोगों ने कैंसर से अपनी जान गंवाई. वहीं, विभिन्न प्रकार के कैंसर के रोगियों की संख्या में 12.8% की वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं, एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक करीब 15,69,793 लोगों की मौत कैंसर से होगी. वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर घंटे 159 लोगों की मौत अलग-अलग तरह के कैंसर से होती है.
कैंसर के 30 करोड़ मरीज
2020 तक, देश के विभिन्न कैंसर जांच केंद्रों पर मुंह के कैंसर के 16 करोड़ मामले, स्तन कैंसर के 8 करोड़ मामले और सर्वाइकल कैंसर के 5.53 करोड़ मामले सामने आए. इतना ही नहीं, पिछले आठ सालों में इस बीमारी से जुड़े करीब 30 करोड़ गंभीर मामले सामने आए हैं. साल 2020 में ही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 2020 में कैंसर मरीजों की संख्या पुरुषों में करीब 6.8 लाख थी, जबकि महिलाओं में यह संख्या 7.1 लाख थी .इसी रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई थी कि 2025 तक पुरुषों में कैंसर के 7.6 लाख मामले और महिलाओं में 8.1 लाख मामले सामने आएंगे.
गतिहीन जीवनशैली दे रहा कैंसर को दावत
दिन-ब-दिन कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है. लेकिन यह भी सच है कि पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र और उपचार विधियों में काफी विकास हुआ है. नतीजा यह हुआ कि आज के दौर में कैंसर को लाइलाज बीमारी नहीं माना जाता है. यदि सही समय पर निदान किया जाता है, तो उचित उपचार से कैंसर के अधिकांश मामलों को ठीक किया जा सकता है. लेकिन अगर दूसरी या तीसरी स्टेज में इस बीमारी का पता चलने पर इलाज में मुश्किलें आ सकती हैं. हर उम्र के लोगों में कैंसर की दर बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. गतिहीन जीवन शैली, मोटापा और अनुवांशिक कारक इनमें प्रमुख हैं.
10% वंशानुगत से मिल रहा कैंसर
सभी कैंसर के मामलों में से लगभग 10% वंशानुगत होते हैं. साथ ही, न केवल युवाओं में, बल्कि सभी उम्र की महिलाओं और पुरुषों में कैंसर की बढ़ती घटनाओं के लिए गतिहीन जीवन शैली और आहार संबंधी गड़बड़ी काफी हद तक जिम्मेदार हैं. इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट कैंसर के मुताबिक, 1/3 यानी तीन में से एक व्यक्ति को खराब जीवनशैली के कारण कैंसर हो जाता है. खान-पान में लापरवाही, दिनचर्या में अनुशासनहीनता और शारीरिक गतिविधियों की कमी और व्यायाम से दूरी प्रमुख कारण हैं. लेकिन आज के युवाओं में धूम्रपान और शराब या अन्य नशीली दवाओं के सेवन से शरीर में किसी भी प्रकार का कैंसर फैल सकता है.
संतुलित आहार से हो सकता है बचाव
कैंसर या किसी भी बीमारी से बचाव के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार जरूरी है. साथ ही एक अनुशासित और सक्रिय जीवन शैली बनाए रखने के साथ-साथ मोटापे की स्थिति में उचित आहार भी आवश्यक है. धूम्रपान और नशीले पदार्थों से भी बचें, नियमित व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें और ऐसी दिनचर्या का पालन करें जिसमें अधिक शारीरिक गतिविधि शामिल हो. इसके अलावा रेगुलर चेकअप कराते रहें. जिन लोगों का कैंसर का पारिवारिक इतिहास रहा है, उन्हें विशेष रूप से नियमित जांच-पड़ताल करानी चाहिए. कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर सही समय पर उपचार का प्रयास किया जा सकता है.




