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बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना ने खेला बड़ा दांव

कहा, हमें उत्तर भारतीयों का साथ चाहिए

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई महानगर पालिका चुनाव से पहले शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (ShivSena UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray Meeting With North Indian) अब उत्तर भारतीयों को जोड़ने के लिए मुंबई में जगह जगह विशेष बैठक आयोजित कर रहे हैं. गोरेगांव में आयोजित बैठक में उद्धव ठाकरे कहा कि हां मैं खुलकर कहता हूं कि हमें उत्तर भारतीयों का साथ चाहिए. हम उत्तर भारतीयों का साथ मांग रहा हूं, तो इसमें गलत क्या है. हम 30 साल तक हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा के साथ रहे. उसी मुद्दे पर उत्तर भारतीयों के वोट हमें भी मिलते रहे हैं. अब ऊंचे पद पर पहुंच गए तो हमें छोड़ दिया. शिवसेना की इस बैठक में पूर्व मंत्री रमेश दुबे की तरफ से आयोजित की गई थी. इसी तरह की बैठक दूसरे इलाकों में भी की जाएगी.

मनपा चुनाव से पहले शिवसेना के इस दांव से भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मुंबई का उत्तर भारतीय समाज पहले कांग्रेस के साथ था. समय के साथ वह भाजपा के पाले में आ गया. युति के समय भी उत्तर भारतीय वोट शिवसेना को भी मिलता था. लेकिन दोनों पार्टियों में अलगाव के बाद भाजपा उत्तर भारतीय वोट बैंक पर केवल अपना हक जताती है. यदि उद्धव ठाकरे अपनी रणनीति के तहत उत्तर भारतीयों का मत परिवर्तन करने में सफल होते हैं तो भाजपा के लिए मनपा की सत्ता हासिल करने का सपना अधूरा रह जाएगा.

भाषा कोई भी हो मन मिलना चाहिए 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं हिंदू हृदय सम्राट बाल ठाकरे का पुत्र हूं. हिंदुत्व का मतलब भारत एक होना चाहिए. भाषा कोई भी हो, मन मिलना चाहिए. इसमें किसी के साथ द्वेष करने की जगह नहीं होनी चाहिए. हम 30 साल तक हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा के साथ गठबंधन में थे. हिंदुत्व के मुद्दे पर राजनीतिक दोस्ती थी. लेकिन वे उपर जाकर बैठ गए तो हमारा साथ छोड़ दिए. एक समय था जब शिवसेना-भाजपा देश की राजनीति में अछूत थे. हम पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाया जाता था. कोई भी दल बगल में भी खड़ा नहीं होना चाहता था.

पीएम किसके किचन में रोटी सेंक रहे थे 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब अटल बिहारी बाजपेयी ने गुजरात दंगे के मुद्दे पर राजधर्म का पालन करने बयान देकर मोदी की मुश्किलें बढ़ा दी थी तब बालासाहेब ने ही मोदी को बचाया था. बाला साहेब नहीं होते आज मोदी वहां नहीं होते.  उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब मन की बात नहीं, दिल की बात होनी चाहिए. एक दूसरे के हित की अनदेखी हिंदुत्व नहीं होता है. हम खुलेआम कह रहा हूं कि हमें उत्तर भारतीयों का साथ चाहिए. मोदी जी ने किसके साथ किचन में रोटी सेंक रहे थे. बोहरा समाज के लोग बहुत अच्छे हैं. वे हमारे साथ हैं, यदि यही काम हमने किया होता तो क्या फैलाया जाता कि हमने हिंदुत्व छोड़ दिया. वे करें तो माफ और हम करें तो अपराध? यह नहीं चलने वाला है.

हम समाज और व्यक्ति में भेद नहीं करते. 1992 दंगे में शिवसेना ने सभी की रक्षा की थी. उसके बाद जब मैं मुख्यमंत्री बना कोरोना में सभी के लिए समान रूप से काम किया. किसी में भेदभाव नहीं किया.  हमने अपना कर्तव्य निभाया है. यहां हम उत्तर भारतीयों के साथ अपने संबंध मजबूत करने आया हूं.

राम मंदिर के मुद्दे पर हमने पहले की मंदिर निर्माण के लिए स्पेशल कानून बनाने की मांग की थी. हम अयोध्या गए, सरयू में आरती भी किए. शिवराय की जन्मभूमि से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर राम जन्म भूमि गए थे. वहां राम मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और यहां हम मुख्यमंत्री बने. ठाकरे ने कहा कि इस देश को अपना मानने वाला मुस्लिम समुदाय के लोग भी हमारे साथ हैं.

सम्मेलन होगा तो मैदान छोटा पड़ जाएगा

उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह सम्मेलन नहीं केवल बैठक है. सम्मेलन होगा मैदान छोटा पड़ जाएगा. यह आप का शहर है. हम साथ रह रहे हैं. मी मुंबईकर हमने शुरु किया था इसका अर्थ यह की मुंबई में रहने वाला सभी शहर के नागरिक हैं. मराठी छोड़ने , हिंदी भाषी छोड़ने की बात नहीं है. हिंदुस्तान को बचाना बड़ी बात है. इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि “अब दूर न रहे इतना करीब आ जाओ, हम तुममे समा जाऊं तुम हममें समा जाओ”

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