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ऑपरेशन ‘सिंदूर’ रखा गया कर्नांक ब्रिज का नाम 10 जुलाई को होगा लोकार्पण

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ रखा गया कर्नांक ब्रिज का नाम

10 जुलाई को होगा लोकार्पण

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। दक्षिण मुंबई के पूर्व-पश्चिम भागों को जोड़ने वाले कर्नांक ब्रिज का नामकरण ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर रखा गया है। इस ब्रिज का उद्घाटन गुरुवार, 10 जुलाई, 2025 को सुबह 10 बजे किया जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ब्रिज का उद्घटान करेंगे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे , अजीत पवार , विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर सहित अन्य नेता और मनपा अधिकारी मौजूद रहेंगे। (carnac Bridge named Operation ‘Sindoor’ will be inaugurated on July 10)

पहलगाम आतंकी हमले में सुहागन महिलाओं का सिंदूर उजाड़ने वाले  आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान के खिलाफ  भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चला कर पाकिस्तान की मिट्‌टी  पलीद कर दी थी। 100 वर्ष पुराने कर्नांक ब्रिज के पुनर्निर्माण के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस ब्रिज का नामकरण सिंदूर के नाम पर किया है।

मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित दक्षिण मुंबई के पूर्व और पश्चिम भागों को जोड़ने वाला यह पुल दोनों दिशाओं में यातायात की अनुमति देकर नागरिकों को सुविधाजनक विकल्प प्रदान करेगा।

इस परियोजना के अंतर्गत 19 अक्टूबर 2024 को दक्षिण की ओर 550 मीट्रिक टन वजनी लौह बीम तथा 26 30 जनवरी 2025 को उत्तर की ओर लौह बीम को रेलवे क्षेत्र में ले जाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण की गई। परिवहन एवं विद्युत आपूर्ति दोनों घटकों में मध्य रेल प्रशासन द्वारा लिए गए विशेष ब्लॉकों के बीच बीम को सुरक्षित एवं सफलतापूर्वक ले जाया गया। 550 मीट्रिक टन वजनी लौह बीम की एसेंबली जमीन से 8 से 9 मीटर की ऊंचाई पर पूर्ण की गई, उसे रेलवे क्षेत्र के ऊपर 58 मीटर ऊपर ले जाना, लगभग 2 मीटर की ऊंचाई से नीचे उतारना तथा आरसीसी सपोर्ट पिलर पर रखना सिविल इंजीनियरिंग के नजरिए से काफी चुनौतीपूर्ण एवं जोखिम भरा था। इसके लिए विशेष विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लिया गया। पूर्वी तरफ का पूरा काम, यानी नींव से लेकर डामरीकरण तक का काम महज 4 महीने में पूरा कर लिया गया है।

बीएमसी के ब्रिज विभाग के समन्वय से सिंदूर ब्रिज का निर्माण, सिविल कार्य और सहायक कार्य पूरे हो चुके हैं। पुल की भार क्षमता, स्थिरता और सुरक्षा की जांच के लिए लोड टेस्ट किया जा चुका है। पुल के दोनों तरफ एप्रोच रोड, कंक्रीट, मैस्टिक, सड़क पर एंटी-क्रैश बैरियर, पेंटिंग और अलाइनमेंट जैसे सभी काम पूरे हो चुके हैं और पुल यातायात के लिए उपलब्ध है। पुल के संचालन के लिए बीएमसी को रेलवे विभाग से संरचनात्मक स्थिरता प्रमाण पत्र, सुरक्षा प्रमाण पत्र और अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है। कुल मिलाकर सिंदूर (पूर्व में कर्नाक) ब्रिज यातायात के लिए खोलने के लिए तैयार है।

सिंदूर ब्रिज के पुनर्निर्माण के लाभ –

मुंबई शहर के दक्षिण में पी. डीमेलो रोड के साथ बंदरगाह क्षेत्र और क्रॉफर्ड मार्केट, कालबादेवी, धोबी तालाब के वाणिज्यिक क्षेत्रों को रेलवे के माध्यम से पूर्व-पश्चिम से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी।
पुल के पुनर्निर्माण से पूर्व-पश्चिम यातायात की सुविधा मिलेगी, जो लगभग 10 वर्षों से बाधित है।
पुल के चालू हो जाने पर, इससे पी. डिमेलो रोड पर यातायात की भीड़ कम करने में मदद मिलेगी, विशेष रूप से वालचंद हीराचंद रोड और शहीद भगत सिंह रोड के जंक्शन पर।
पुल के पुनर्निर्माण से यूसुफ मेहर अली मार्ग, मोहम्मद अली मार्ग, सरदार वल्लभभाई पटेल मार्ग, काजी सैयद मार्ग पर यातायात आसान हो जाएगा।

 

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