पार्टी नाम और सिंबल की लड़ाई, उद्धव गुट को SC से नहीं मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट का विधानसभा अध्यक्ष, चुनाव आयोग के फैसलों में हस्तक्षेप से इनकार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) में चल रही सत्ता संघर्ष की लड़ाई में शिंदे गुट, उद्धव गुट पर भारी होता दिख रहा है. उद्धव ठाकरे (Uddhv Thackeray) ने चुनाव आयोग (Election commission of India) के उस फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी जिसमें चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम एकनाथ शिंदे गुट को दिया था. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ठाकरे की इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि आयोग के फैसले पर हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले में भी हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है.
शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शिंदे गुट जल्द ही व्हिप जारी कर उद्धव गुट के विधायकों को अपात्र घोषित कर सकता है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के वकील से पूछा कि क्या आप ऐसा करने जा रहे हैं? शिंदे गुट की तरफ से इनकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और शिंदे गुट को नोटिस भेज कर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद करेगा.
अदालत के अगले आदेश तक ठाकरे के पास शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का नाम और मशाल बनी रहेगी. कोर्ट ने कहा कि जवाबी हलफनामा 2 सप्ताह के भीतर दायर किया जाना चाहिए. आयोग ने सुनवाई के बाद उनके पक्ष में फैसला सुनाया है. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि आयोग का आदेश इस बात तक सीमित है कि पार्टी कौन है. हम इससे परे के मुद्दों पर आदेश पारित नहीं कर सकते.
अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे समूह के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मैं इस मामले को एक आम नागरिक के रूप में देख रहा हूं. तदनुसार, मैं कह सकता हूं कि परिणाम क्या होना चाहिए. लेकिन यदि आप संविधान को दरकिनार कर निर्णय देने जा रहे हैं, तो यह मुश्किल है. सावंत ने कहा कि वे यहां से वहां इस तरह घूमते हैं जैसे विधायकों को थोक में बेचा जा रहा है, जो देश के लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. हमारी याचिका पर आज सुनवाई हुई, अब हमें न्याय मिलने की उम्मीद है.
वहीं एकनाथ शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने कहा, कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘हम चुनाव आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते.पार्टी के बैंक खाते और संपत्ति का मुद्दा कपिल सिब्बल ने उठाया था. शेवाले ने कहा कि कोर्ट ने कहा कि हम उन्हें कोई भी स्थगन दे सकते हैं. शेवाले ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं.




