बीएमसी मुख्यालय में पूर्व नगरसेवकों की इंट्री पर बैन
कमिश्नर ऑफिस के बाहर नारेबाजी से कमिश्नर हुए खफा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई महानगर पालिका (BMC Headquarters) में महाविकास आघाड़ी दलों के पूर्व नगरसेवकों की नारेबाजी से परेशान बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (Iqbal Singh chahal) ने बीएमसी मुख्यालय में नगरसेवकों की इंट्री बंद करने का फरमान सुनाया है. बीएमसी मुख्यालय की सुरक्षा पहले ही चाक चौबंद की गई है. सुरक्षा में तैनात मनपा सुरक्षा गार्ड के अलावा पुलिस को भी तैनात किया गया है. मंगलवार को बीएमसी मुख्यालय का एक गेट पर ताला लगा दिया गया. जबकि तीन गेट के दरवाजे आधे बंद रखे गए.( Ban on entry of former corporators in BMC headquarters)
पूर्व नगरसेवक को गेट से लौटाया
बीएमसी मुख्यालय गए भाजपा चिंचपोकली की पूर्व नगरसेविका सुरेखा लोखंडे के पति रोहिदास लोखंडे को सुरक्षा रक्षकों ने यह कह कर लौटा दिया कि पार्टी कार्यकर्ताओं और पूर्व नगरसेवकों को भीतर जाने पर रोक लगा दी गई है. इसी तरह पूर्व नगरसेवक भालचंद्र शिरसाट को भी भीतर जाने से रोक दिया गया. हालांकि बाद में वरिष्ठ अधिकारी के कहने पर उन्हें भीतर जाने दिया गया. भालचंद्र शिरसाट ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें भी भीतर जाने से यह कह कर रोक दिया गया था कि कमिश्नर का आदेश है कि भीतर न छोड़ें.
दरअसल बीएमसी के वर्ष 2023 के बजट में नगरसेवकों के वार्डों के विकास लिए 650 करोड़ रुपए फंड का प्रावधान किया गया है. फंड वितरण में असमानता के कारण बीएमसी आयुक्त के केबिन के बाहर सोमवार को ठाकरे गुट, कांग्रेस, एनसीपी नगरसेवकों ने जोरदार नारेबाजी की थी. नगरसेवकों ने आयुक्त से मिल कर पूर्व नगरसेवकों के और वार्ड में समान निधि वितरित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
बीएमसी मुख्यालय में शिवसेना कार्यालय को लेकर विवाद के बाद आयुक्त ने सभी पार्टी कार्यालय को सील लगवा दिया था. नगरसेवक बीएमसी मुख्यालय के बाहर जाकर बैठते थे. लेकिन सोमवार को महाविकास नगरसेवकों द्वारा किए गए प्रदर्शन और नारेबाजी से बीएमसी कमिश्नर बेहद खफा होकर नगरसेवकों की इंट्री को बैन कर दिया.