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महारेरा ने उजागर किया बिल्डरों का बड़ा फ्राड, एक बैंक खाते से जुड़ी मिली 1781 परियोजनाएं

45 डेवलपर्स को भेजा कारण बताओ नोटिस

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई.महारेरा द्वारा परियोजनाओं की जांच में एक बड़े फ्राड का खुलासा हुआ है. (Maharera exposes big fraud of builders, 1781 projects linked to one bank account) जांच में 1781 पंजीकृत आवासीय परियोजनाएं एक ही बैंक खाते से जुड़ी पाए जाने पर महारेरा ने 45 बिल्डरों को नोटिस भेजा है. अन्य बिल्डरों को कारण बताओ नोटिस जारी की प्रक्रिया शुरु की गई है.  महारेरा नियम के अनुसार एक पंजीकरण संख्या की परियोजना के लिए एक ही बैंक खाता होना अनिवार्य है. हाऊसिंग परियोजनाओं में इतनी बड़ी अनियमितता सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है.

महारेरा ने कहा कि भविष्य में इस तरह की अनियमितता रोकने के लिए  कंप्यूटर सिस्टम में परिवर्तन किए गए हैं ताकि यदि एक परियोजना के नामित खाते को किसी अन्य परियोजना के बैंक खाते से जोड़ने का प्रयास किया जाता है, तो इसे ब्लॉक कर दिया जाएगा. इसके अलावा अब अगर डेवलपर म्यूचुअल अकाउंट को बदलने की कोशिश भी करता है तो ऐसा नहीं कर पाएगा. महारेरा ने नया आदेश जारी कर इस बदलाव के लिए महारेरा की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी है.

रियल एस्टेट क्षेत्र में एक अंतर्निहित अनुशासन बनाया जाना चाहिए. महारेरा रियल एस्टेट सेक्टर में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता लाने के लिए समर्पित रूप से प्रयासरत है ताकि सेक्टर में हर घर खरीदार और समान निवेशकों का निवेश सुरक्षित रहे, रियल एस्टेट सेक्टर की विश्वसनीयता बढ़े. इसीलिए महारेरा ने यह माइक्रो कंट्रोल शुरू किया है.

रियल एस्टेट अधिनियम के अनुसार, डेवलपर को एक रेरा पंजीकरण संख्या के साथ केवल एक बैंक खाता बनाए रखने की आवश्यकता होती है. संबंधित परियोजना में पंजीयन से प्राप्त धन को इसी खाते में रखा जाना चाहिए और उस परियोजना के कार्य के लिए ही उपयोग किया जाना चाहिए. यह कहीं और
डायवर्ट नहीं किया जाना चाहिए. क्‍योंकि अगर ऐसा होता है तो इसका प्रोजेक्‍ट पर विपरित प्रभाव पड़ सकता है.

पिछले हफ्ते, महारेरा ने 313 परियोजनाओं को लाल झंडी दिखाते हुए उनका गहन निरीक्षण शुरू किया है. इन सभी 313 परियोजनाओं को कारण बताओ नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं. वे जांच के दायरे में हैं.

 

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