मुंबई के 20 सबसे अधिक दुर्घटना वाले चौराहे होंगे सुरक्षित
वैश्विक सड़क सुरक्षा के लिए बीएमसी और ब्लूमबर्ग की साझेदारी में बनी नई योजना

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई के ट्रैफिक जंक्शनों को सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए, बीएमसी ने एक वैश्विक पहल की है. (Mumbai’s 20 most accident prone intersections to be safe)
ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज इनिशिएटिव फॉर ग्लोबल रोड सेफ्टी (BIGRS) के भागीदारों के साथ मिलकर एक नई परियोजना शुरू की है. इसके जरिए मुंबई महानगर में सबसे अधिक दुर्घटना संभावित (ब्लैक स्पॉट) 20 ट्रैफिक चौराहों को सुरक्षित किया जाएगा. उसी के अनुसार ट्रेफिक में बदलाव किया जाएगा.
बीएमसी इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त नगर आयुक्त (परियोजनाएं) पी.वेलरासु के मार्गदर्शन में, मुंबई में सबसे अधिक दुर्घटना संभावित यातायात चौराहों का पुनर्गठन किया जा रहा है. बीएमसी को ट्रैफ़िक चौराहों को सुरक्षित बनाने के लिए ग्लोबल रोड सेफ्टी के लिए ब्लूमबर्ग परोपकार की पहल में भागीदारों से तकनीकी सहायता प्राप्त होगी, विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और साइकिल चालकों जैसे सड़क दुर्घटनाओं के उच्च जोखिम में हैं. इन साझेदारों में ग्लोबल डिजाइनिंग सिटीज़ इनिशिएटिव (GDCI) और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (WRI) शामिल हैं.
इस संबंध में आज बैठक आयोजित की गई थी. बीएमसी उपायुक्त (इन्फ्रास्ट्रक्चर) उल्हास महाले, मुख्य अभियंता (सड़क एवं यातायात) मनीष कुमार पटेल उपस्थित थे. बैठक के बाद विदेश से आए विशेषज्ञों और गणमान्य लोगों ने मुंबई में 5 जंक्शनों का दौरा कर निरीक्षण किया. ब्लैक स्पॉट स्थानों पर किए गए विभिन्न उपायों की जानकारी ली.
उल्हास महाले ने इस पहल की जानकारी देते हुए कहा कि मुंबई महानगर के अन्य स्थानों की तुलना में इन 20 दुर्घटना संभावित चौराहों पर अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं और वैकल्पिक रूप से अधिक मौतें और चोटें दर्ज की गई हैं. इसलिए इन चौकों के कायापलट को प्राथमिकता दी जा रही है. इस दृष्टि से इन सभी स्थानों पर दुर्घटनाओं की संख्या कम की जानी चाहिए, वैकल्पिक रूप से नागरिकों के आवागमन को सुरक्षित बनाया जाना चाहिए. इसके लिए, नगर निगम के इंजीनियर ग्लोबल रोड सेफ्टी के लिए ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज इनिशिएटिव में भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं.
बीएमसी वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट और ग्लोबल डिजाइनिंग सिटीज इनिशिएटिव ट्रैफिक चौराहों पर दुर्घटनाओं, मौतों और गंभीर चोटों की संख्या को कम करने और ट्रैफिक चौराहे को समग्र रूप से सुरक्षित बनाने के लिए विभिन्न बुनियादी ढांचे में बदलाव शामिल करेंगे. इसमें पैदल चलने वालों को पार करने की अनुमति देने के लिए फुटपाथों को चौड़ा करना, क्रॉसिंग दूरी को कम करने के लिए नए आश्रयों का निर्माण करना और यातायात की गति को सीमित करने के लिए बैरियर और लेन जैसे विकल्पों को अपनाना शामिल होगा.
1) सड़कें सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित हो जाती हैं,
2) पैदल चलने वालों और वाहनों के बीच संघर्ष कम हो जाता है,
3) यातायात अधिक सुचारू रूप से चलता है। इसी सोच के साथ वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट इंडिया बृहन्मुंबई नगर निगम के साथ मिलकर अमर महल सहित कुल 12 ट्रैफिक चौराहों के नए लेआउट पर काम कर रहा है.
ग्लोबल रोड सेफ्टी के लिए ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज इनिशिएटिव में एक और भागीदार, ग्लोबल डिजाइनिंग सिटीज इनिशिएटिव के एशिया और अफ्रीका क्षेत्रीय प्रमुख, अभिमन्यु प्रकाश ने कहा कि हम इन दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधार की सभी संभावनाओं पर पुनर्विचार कर रहे हैं. इसके लिए हम ग्लोबल स्ट्रीट डिजाइन गाइड के सिद्धांतों को आधार बना रहे हैं. ये दिशानिर्देश आधिकारिक तौर पर मुंबई द्वारा अपनाए गए हैं. चुनिंदा स्थानों पर रोड एलाइनमेंट और नॉरिंग की जाएगी, जिससे ट्रैफिक का प्रवाह सुचारू रहेगा और सड़कें सुरक्षित रहेंगी. इन सुधारों के साथ-साथ, मुंबई में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के अपने दीर्घकालिक लक्ष्य के अनुरूप, हम बीएमसी इंजीनियरों और मुंबई यातायात पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं कि लोग सड़क पर चलते समय सुरक्षित और स्वस्थ रहें.