अतीक के हत्यारे कम आयु में बने दुर्दांत अपराधी, अतीक गैंग खत्म करने का बना था प्लान
अपराधियों के पास से मिला विदेशी रिवाल्वर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. प्रयागराज (Prayagraj) अस्पताल परिसर में अतीक अहमद और अशरफ अहमद (Atique Ahmad murder Case) की गोली मारकर हत्या करने वाले तीनों हत्यारे बहुत कम आयु में ही दुर्दांत अपराधी बन गए थे. अपराध में शामिल कासगंज का अरुण मौर्य (arun maurya) केवल 18 साल का है. हमीरपुर का रहने वाला सनी सिंह (Sani Singh)पर 17 एफआईआर दर्ज है. वह 23 साल का है. वहीं बांदा का लवलेश तिवारी ((Lavlesh Tiwari) केवल 22 साल का है. वह 4 गंभीर अपराध में वांटेड था. (Atique killers became dreaded criminals at a young age, a plan was made to end Atiq’s gang)
कैसे एक साथ आए तीनों हत्यारे
उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों के निवासी अतीक अहमद गैंग का खात्मा करने के लिए कैसे एक साथ आए इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्या तीनों को हायर किया गया था. इसके पीछे किसका मकसद था. क्या किसी दल के नेताओं के यह सदस्य थे. इस तरह कई सवाल हैं जिसे योगी सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस को देना होगा.
अतीक अहमद गैंगस्टर था, उसने कई अपराध किये जमीन हड़पने के लिए निर्दोष लोगों की हत्या की थी. प्रयागराज एवं आसपास के जिलों में 40 साल से दहशत व्याप्त थी. लेकिन अतीक को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा हुई थी. वह पुलिस संरक्षण में था ऐसे नकली मीडिया कर्मी बन कर तीन हमलावारों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
पर्दे के पीछे किस का हाथ
पुलिस ने एफआईआर में कुछ अज्ञात लोगों का भी नाम शामिल किया है. मतलब पुलिस को भी लगता है कि इस हत्या के पीछे कोई और भी हो सकता है. अतीक और अशरफ की हत्या सोची समझी रणनीति के तहत की गई है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर तीनों अपराधी कैसे एक साथ आए हैं. इनकी पहले से पहचान थी या सोशल मीडिया के जरिए मुलाकात हुई थी. यह गुत्थी सुलझाने में पुलिस लगी है.
टर्किश मेड गन कहां मिली
यह भी सवाल उठता है कि इन हत्यारों के पास महंगी टर्किश मेड विदेशी रिवाल्वर कहां से मिली. यह भी सवाल उठता है कि किसी ने इन को इकट्ठा कर रिवाल्वर मुहैया कर हत्या की सुपारी दी थी. क्या इसके पीछे लॉरेंस विश्नोई का हाथ है या और कोई इसके पीछे है. हालांकि तीनों ने कहा कि वे बड़ा गैंगस्टर बनने के लिए अतीक की हत्या की. इस मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई.