ज्यादा फीस वसूलने वाले स्कूलों पर नकेल कसने के लिए कानून में संशोधन
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर का एलान

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने घोषणा की कि अभिभावकों से अधिक फीस वसूलने वाले स्कूलों पर सरकार कार्रवाई करेगी. (Law amended to crack down on schools charging high fees)
केसरकर ने कहा कि फीस वसूली के लिए छात्रों के शैक्षिक प्रमाण पत्र वापस लेने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त की जाएगी. इन स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए कानून में बदलाव किया जाएगा.
उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने कोरोना काल में अभिभावकों से अधिक फीस वसूलने वाले स्कूलों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की थी. इस समिति ने कुछ अभिभावकों की शिकायतों का संज्ञान लिया है.
केसरकर ने कहा कि इस स्क्रूटनी कमेटी से अभिभावकों को न्याय नहीं मिला इसलिए सरकार निजी स्कूलों पर लगाम कसने के लिए कानून में बदलाव करने का निर्णय लिया है.कानून में संशोधन के लिए जल्द ही शिक्षा विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की जाएगी.
इस समिति में विद्यालयों के प्राचार्य, अभिभावक संघ के प्रतिनिधि, पत्रकार शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इस समिति की सुनवाई में शामिल होंगे और निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने का प्रयास करेंगे.
राज्य में स्कूल 15 जून से शुरू होंगे, जबकि विदर्भ में 30 जून से शुरू होंगे स्कूल
विदर्भ को छोड़कर राज्य के सभी स्कूल नए शैक्षणिक वर्ष में 15 जून से शुरू होंगे, ताकि स्कूली छात्र अपनी गर्मी की छुट्टियों की योजना ठीक से बना सकें. विदर्भ में गर्मी को देखते हुए केसरकर ने बताया कि वहां 30 जून से स्कूल शुरू किए जाएंगे.
छात्रों को वर्दी, जूते, मोजा, किताबें नि:शुल्क
इस शैक्षणिक वर्ष के दौरान सभी छात्रों को मुफ्त ड्रेस, जूते, मोजे दिए जाएंगे. आठवीं तक के छात्रों को मुफ्त किताबें दी जाएंगी. पाठ्य पुस्तक के पाठ्यक्रम को विद्यार्थी ठीक से समझ सकें, इसके लिए पुस्तक में खाली पन्ने रखे जाएंगे.
केसरकर ने स्पष्ट किया कि कागज की कीमत से बालभारती की किताबों की कीमत में 30 प्रतिशत की वृद्धि होगी, क्योंकि 90 प्रतिशत बच्चों को मुफ्त किताबें मिलेंगी, इसका असर छात्रों और अभिभावकों पर नहीं पड़ेगा.




