बड़ी खबर: महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष सुप्रीमकोर्ट सुना रहा फैसला, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी बची, 16 विधायकों की अपात्रता पर निर्णय नहीं लेंगे, बोला सुप्रीम कोर्ट

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला देना शुरू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Suprime Court) ने एकसाथ शिंदे के चीफ व्हिप भरत गोगावले की नियुक्ति को अवैध करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट का पहला चार आब्जर्वेशन ठाकरे गुट के पक्ष में आया है. वहीं सबसे बड़ी राहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को मिली है.
कोर्ट ने कहा कि 16 विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा हम नहीं लेंगे. वह निर्णय लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है. (Maharashtra power struggle Supreme Court is giving verdict Chief Minister Eknath Shinde’s chair remains, will not decide on disqualification of 16 MLAs, said Supreme Court)
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि कोई भी ग्रुप पार्टी पर दावा नहीं कर सकता है. बहुमत परीक्षण के राज्यपाल का दावा असंवैधानिक है. राज्यपाल राजनीतिक भूमिका नहीं ले सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार को पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता है. उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो इस पर विचार हो सकता था. उन्होंने बहुमत परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का एकनाथ शिंदे को शपथ दिलाना सही था क्योंकि उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा कि पार्टी व्हिप के खिलाफ दूसरा व्हिप बनना गलत था. असली पार्टी का दावा करना भी सही नहीं था.