वडाला इलाके के लोगों को मिलेगी बाढ़ के पानी से राहत, आधुनिक तरीके से डाली जाएगी स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज लाइन

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. एफ उत्तर विभाग के वडाला पूर्व में रहने वाले नागरिकों को मुंबई महानगरपालिका बड़ी राहत देने जा रही है. वडाला पूर्व के कोकरी आगार रोड से आणिक आगार रोड तक सीवरेज लाइन में सुधार के अलावा 13.95 किमी लंबी नई सीवेज लाइन डालने जा रही है. इससे वडाला पूर्व के निवासियों को नारकीय स्थिति से मुक्ति मिल जाएगी. इस कार्य पर कुल 40 करोड 76 लाख 15 हजार 747 रुपए खर्च होंगे. (People of Wadala area will get relief from flood water, storm water drainage line will be laid in modern way)
मुंबई महानगरपालिका ने कोकरी आगार से लेकर आणिक आगार तक यह लाइन डालेगी. सीवरेज लाइन की कुल लंबाई 13.95 किलोमीटर रहेगी. यह कार्य पूरा होने के बाद वडाला पूर्व के प्रतीक्षा नगर, अणिक वडाला का क्षेत्र, संगमनगर, भरनी नाका, अंटॉप हिल, बरकत अली दरगाह, गणेश नगर, कोकरी आगार का क्षेत्र, और एम पश्चिम वार्ड के अंतर्गत आने वाले भक्ति पार्क आदि इलाकों की सीवेज की समस्या खत्म हो जाएगी.
वडाला पूर्व का इलाका अविकसित क्षेत्र में आता है. यहां अब धीरे धीरे डेवलपमेंट शुरू हुआ है. धारावी के बाद इलाका दूसरा सबसे बड़ा झोपड़पट्टियों वाला क्षेत्र है. यहां का ज्यादातर इलाका ग्रीन जोन में होने के कारण विकास से वंचित हैं. ज्यादातर इलाकों में जल निकासी की पाइप लाइने नहीं हैं. यहां घरों में बने शौचालय के अलावा सार्वजनिक शौचालयों से निकला गंदा पानी स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज लाइन के जरिए नालों में जाता है. सीवेज लाइन नहीं होने के कारण सार्वजनिक शौचालयों के गड्ढे भर जाने पर गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है. इससे लोगों को परेशानी होती है. नई सीवेज लाइन इलाके के लोगों को बदबू और गंदगी से निजात दिलाएगा.
मनपा सूक्ष्म टनल और पाइप जेकेटिंग पद्धति से सीवेज लाइनों को आपस में जोड़ेगी. 350 मिमी व्यास से लेकर 1200 मिमी 13.95 किमी लंबी लाइनें बिछाई जाएंगी. इससे भूस्तर में भी सुधार होगा, क्योंकि अधिकांश गंदा पानी भूमि में बने गड्ढे में डाला जाता या बरसाती नालों में छोड़ दिया जाता है. मनपा अधिकारी के अनुसार यहां की मिट्टी अनिश्चित स्वरूप की है. पारंपरिक रूप से 5.5 मीटर से 10.5 मीटर खुले पद्धति की ट्रेंच लाइन डालने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए बॉम्बे आईआईटी से सलाह ली गई थी. बॉम्बे आईआईटी ने भूस्तर सुधार करने के बाद ट्रेंच विधि से सीवेज लाइन डालने का सुझाव दिया था.
मनपा ने इस कार्य को करने के लिए 29 करोड़ 91 लाख 20 हजार रुपए खर्च आने का अनुमान लगाया था. मनपा द्वारा निकाली गई निविदा में दो कंपनियों ने भाग लिया। दोनों कंपनियों ने अनुमानित कीमत से 3 से 4 प्रतिशत अधिक की निविदा भरी थी. मेसर्स स्पेक्ट्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर का टेंडर कीमत दूसरी कंपनी से कम होने पर उसे काम दिया गया है. इस कार्य पर कुल 40 करोड 76 लाख 15 हजार 747 रुपए खर्च होंगे. यहा कार्य बरसात का महीने छोड़ कर 14 महीने में करना होगा.
ऐसे होंगे काम
दलदली जमीन को ठोस बनाने के बाद सीवेज लाइन का निर्माण
गटर में सीवेज के लिए कुल 23 एंट्री पाइंट
कुल लंबाई 13.95 किमी
250 मिमी से 1200 मिमी व्यास की लाइनें
40 करोड़ रुपए होंगे खर्च




