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हाईकोर्ट की फटकार के बाद नींद जागे बीएमसी कमिश्नर, खुले मेनहोल मिले तो अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई की सड़कों पर कई जगहों पर मैनहोल ( manhole)  खुले होने के संबंध में हाईकोर्ट ने मनपा की लापरवाही फर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट की चेतावनी के बाद नींद से जागे मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को मैनहोल खुला नहीं छोड़ने के निर्देश दिए. (BMC commissioner wakes up from sleep after High Court’s reprimand, action will be taken against officials if open manholes are found in Mumbai)

समीक्षा बैठक में कमिश्नर चहल काफी गुस्से में थे. उन्होंने सभी विभागों के सहायक आयुक्त और सेंट्रल सिस्टम्स के मुख्य अभियंता को कड़ी चेतावनी दी है कि जिस विभाग में  खुले मैनहोल अगर दुर्घटना से जनहानि होती है, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 29 अगस्त 2017 को बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉक्टर दीपक अमरापुरकर की भारी बारिश के दौरान एफ दक्षिण विभाग के प्रभादेवी में शंकर लक्ष्मण मटकर रोड पर खुले मैनहोल में गिरने से दर्दनाक मौत हो गई थी. उस समय मुंबई में उक्त दुर्भाग्यपूर्ण घटना का गहरा प्रभाव पड़ा था. तत्पश्चात तत्कालीन अपर आयुक्त विजय सिंघल की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने मैनहोल का ढक्कन हटाने वाले नागरिकों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और मैनहोल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मैनहोल पर लोहे की जाली लगाने के उपाय सुझाए थे. इसके अनुसार मनपा ने कई स्थानों पर मैनहोल पर लोहे की जाली लगवा दी. मैनहोल को लेकर मुंबई हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में हाईकोर्ट ने मनपा को निर्देश दिया था कि वह नागरिकों की सुरक्षा के अनुसार मैनहोल के संबंध में किए गए और किए जाने वाले विभिन्न उपायों के संबंध में एक हलफनामा प्रस्तुत करे.  हालांकि आयुक्त द्वारा बताया गया कि कुछ जगहों पर अभी भी मैनहोल खुले हैं और आयुक्त के आदेश के बाद भी अपेक्षित क्रियान्वयन नहीं हो सका है. इसलिए आयुक्त ने इसे गंभीरता से लिया है. सभी विभागों के सहायक आयुक्तों और केंद्रीय प्रणालियों के मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया जाता है कि वे 19 जून, 2023 से पहले अपने-अपने मंडलों/विभागों में मैनहोलों का सर्वेक्षण करें. कमिश्नर ने आदेश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई मेनहोल खुला न रहे. इसके बाद से सड़कों पर मैनहोल खुले रहते हैं और अगर इस वजह से कोई दुर्घटना होती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

भारी बारिश के दौरान, पानी को जमा होने से रोकने के लिए नालियों के ढक्कन खोल दिए जाते हैं. इसमें व्यक्ति के गिरने और बह जाने का भय रहता है. हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि इस खतरे से बचने के लिए मैनहोल का ढक्कन खोलकर उस पर कम से कम दो लोहे की छड़ें लगा दें, ताकि जो कोई मैनहोल के पास बिना पानी के ओवरफ्लो होने की भविष्यवाणी किए उसके पास जाए, वह उसमें न गिरे. अंतरिम मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति संदीप मारन की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. मनपा के अधिवक्ता अनिल साखरे ने मानसून सीजन के खतरों से बचने के लिए मनपा द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी कोर्ट को दी. उस समय कोर्ट ने उपरोक्त , निर्देश दिए.

पानी भरने के बाद नालों के ढक्कन खोल दिए जाते हैं. यह खतरनाक है.  पानी में चलते समय यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि आगे सीवर है या नहीं. ऐसे में नाले में गिरने से मौत का खतरा बना रहता है. इस खतरे से बचने के लिए मेनहोल के ढक्कन को खोलकर उस पर लोहे की कम से कम दो छड़ें लगाएं. कोर्ट ने कहा कि रॉड लगाने के बाद कोई भी व्यक्ति सीवर में नहीं गिरेगा. यदि गिरता भी है जो जानी नुकसान नहीं होगा.

 

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