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विधान परिषद उपसभापति डॉ नीलम गोरहे शिवसेना में शामिल, उद्धव गुट से नेताओं का पलायन जारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. विधान परिषद में उपसभापति डॉ नीलम गोरहे आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हो गई. शिवसेना में बगावत को एक वर्ष होने के बाद भी उद्धव गुट के नेताओं का पलायन जारी है. इससे पहले मनीषा कायंदे ने शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी का साथ छोड़ कर शिवसेना में शामिल हुई थी. (Legislative Council Deputy Chairman Dr. Neelam Gorhe joins Shiv Sena, exodus of leaders from Uddhav faction continues)

डॉ नीलम गोरहे को उद्धव ठाकरे का कट्टर समर्थक माना जाता था. ठाकरे गुट में उन्हें प्रमुख महिला नेता के तौर पर जाना जाता था. शिवसेना में बगावत के बाद गोरहे ठाकरे गुट के साथ पूरे दमखम से खड़ी रहीं लेकिन आज उन्होंने अचानक अपना पाला बदल लिया.

इस बात पर बढ़ी दूरी

नागपुर अधिवेशन के दौरान जैसे ही उद्धव ठाकरे नागपुर में दाखिल हुए तो कुछ विधायकों ने नीलम गोरहे की शिकायत की थी. विधायकों ने कहा था कि नीलम गोरे हमें बोलने नहीं देतीं, जबकि वह डिप्टी स्पीकर हैं. आदित्य ठाकरे के मुद्दे पर जब सत्ता पक्ष ने अधिवेशन में उद्धव ठाकरे गुट को घेरा तब विधायकों का कहना था कि नीलम गोरे को उस वक्त डिप्टी स्पीकर के तौर पर अपने विधायकों को बोलने की इजाजत देनी चाहिए थी. बाद में जानकारी सामने आई थी कि उद्धव ठाकरे ने नीलम गोरहे को चेतावनी दी थी. उद्धव ठाकरे के इसी बात को लेकर नीलम गोरहे  का रुझान एकनाथ शिंदे की शिवसेना की ओर बढ़ गया.

वह प्रोटोकॉल के तौर पर मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रमों में शामिल होती थीं. साथ ही कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने पुणे में नीलम गोरहे के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. इसके बाद से ही नीलम गोरहे के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चाएं चल रही थीं. नीलम गोरहे आखिरकार आज दोपहर को शिवसेना में शामिल हो गई. इसके अलावा नीलम गोरहे के साथ ठाकरे गुट के दो और पदाधिकारी भी शिवसेना में शामिल हो सकते हैं.

रामराजे निंबालकर  विधान परिषद सभापति थे. उनका कार्यकाल खत्म हो गया. इसलिए सभापति का पद रिक्त हैं. शिवसेना में शामिल होने के बाद नीलम गोरहे को सभापति बनाया जा सकता है.

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