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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया ज्ञानवापी सर्वेक्षण का आदेश

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Gyanvapi ASI Survey :  वाराणसी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस कोर्ट प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने कि न्याय के लिए यह जरूरी है.  (Allahabad High Court ordered to survey of Gyanvapi) 
हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि एएसआई अपना सर्वे जल्द ही शुरू कर सकती है। इससे पहले वाराणसी की जिला अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका पर एएसआई सर्वे का आदेश दिया था. एएसआई की टीम ने सर्वे शुरू भी किया था.
लेकिन मुस्लिम पक्ष सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक के साथ ही याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था. उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के बाद सर्वे जारी रखने का आदेश दिया है.
उच्च न्यायालय ने सुरक्षित रखा था फैसला मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 27 जुलाई को सुनवाई के  बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से दलील की गई थी कि यदि सर्वे किया जाएगा तो क्या उससे ज्ञानवापी को कोई नुकसान पहुंच जाएगा? मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में सर्वे के दौरान नुकसान पहुंचने की दलील दी थी.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि एएसआई की ओर से हाईकोर्ट में हलफनामा दिया गया है कि सर्वे के दौरान परिसर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचेगी. एएसआई ने कहा कि अगर खुदाई की जरूरत होगी तो जिला कोर्ट से अनुमति लेकर ही उसे किया जाएगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से पहले हिंदू पक्ष ने वाराणसी जिला न्यायालय में एक और याचिका
दायर की है. राखी सिंह ने जिला कोर्ट में याचिका दायर कर मुस्लिम पक्ष पर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया है. इस याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष मूर्तियों को कुरेद कर मिटाने का प्रयास कर रहा है. याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने की अपील भी की है. इस मामले में  अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी.
 21 जुलाई 2022 को वाराणसी के जिला जज ए के विश्वेश ने ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था. इस आदेश के अगले ही दिन एएसआई की ओर से सर्वे शुरू कर दिया गया. जिला कोर्ट ने सर्वे का काम 4 अगस्त तक पूरा करने का निर्देश दिया था. 4 अगस्त को जिला कोर्ट इस मामले की की दोबारा सुनवाई करेगा.  पिछले साल मई में तीन दिन तक सर्वे हुआ था. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था. दावा था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग है. मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था.

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