इजराइल के प्रधानमंत्री ने बेटे को भी जंग में उतारा, पूर्व प्रधानमंत्री ने भी संभाला मोर्चा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
IsraelAtWar दिल्ली. भारत का कोई नेता दुश्मन देश के साथ जंग में भेज सकता है? शायद नहीं, बिलकुल नहीं लेकिन इजरायल एक ऐसा देश है जहां माता पिता अपने बच्चों को बिना यह सोचे युद्ध के मोर्चे पर भेज देते हैं कि इसका परिणाम क्या होगा. इजराइल पर शनिवार सुबह आतंकवादी संगठन हमास द्वारा किए गए हमले का जवाब देने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने छोटे बेटे को युद्ध में भेज दिया है.
नेतन्याहू के दो बेटे हैं. बड़े बेटे का नाम यायेर नेतन्याहू और छोटे बेटे का नाम अवनेर नेतन्याहू है. हमास के साथ चल रही लड़ाई में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने बेटे अवनेर को भी जंग में उतार दिया है. इससे पहले इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट समेत की वरिष्ठ राजनेता अपनी-अपनी यूनिट पहुंच गए हैं ताकि मुश्किल के वक्त में देश के लिए बतौर सैनिक अपना योगदान दे सकें.
इजराइल में रहने वाले सभी नागरिकों सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य है. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें तीन वर्ष इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) में सर्विस करनी होती है. भारत में राजनेता तो बना जा सकता है लेकिन सैनिक नहीं. यहां के किसी नेता ने अपने बच्चों को सेना में नहीं भेजा है. लेकिन भारतीय सेना में काम करने वाले रिटायर्ड अधिकारी और जवान अपने बच्चों को देश सेवा के भेजते हैं. लेकिन नेता नहीं भेजता, कोई डॉक्टर नहीं भेजता, नेता का बेटा या तो माता पिता की राजनीतिक विरासत संभालता है या उद्योग पति बन जाता है. इजरायल और दूसरे देशों में यही अंतर है. यही कारण है कि इजरायल अब तक अजेय बना हुआ है.




