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लक्षद्वीप पर टाटा की बड़ी घोषणा, सुहेली और कदमत द्वीप में बनाएगा रिसोर्ट, होटल, मिनीक्वाय में सरकार बनाएगी नया एयरपोर्ट

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप पर्यटन को बढ़ावा देने के आह्वान के बाद शुरू हुआ मालदीव (Maldive)  विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे सरकार लक्षद्वीप (Lakshadweep)  को बढ़ावा दे रही है, मालदीव का पर्यटन क्षेत्र खतरे में पड़ता जा रहा है. पीएम मोदी के दौरे के बाद लक्षद्वीप चर्चा में है. लोग लक्षद्वीप घूमने का प्लान बना रहे हैं. वहीं लक्षद्वीप में पर्यटन के जरूरी सुविधाओं के विकास के लिए अब देश की अग्रणी कंपनी टाटा ने दो द्वीपों पर रिसोर्ट और होटल बनाने का एलान कर दिया है.  (Tata’s big announcement on Lakshadweep, Suheli and Kadmat islands will build resorts, hotels, also government will build a new airport in Miniquay)
जिस तरह से यह विवाद बढ़ा है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि भविष्य में लक्षद्वीप पर्यटन का हॉट स्पॉट बन जाएगा.  टाटा ग्रुप ने लक्षद्वीप को लेकर बड़ा कदम उठाया है. लक्षद्वीप द्वीप का विशेष दौरा करते हुए, टाटा समूह ने वहां ताज-ब्रांडेड रिसॉर्ट्स शुरू करने की घोषणा की है. टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी लक्षद्वीप में ये रिसॉर्ट बनाएगी.
दो वर्ष में पूरा होगा प्रोजेक्ट
टाटा का यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा हो जाएगा और उसी साल से जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इन होटलों का विकास टाटा आईएचसीएल की ओर से किया जाएगा. ये होटल लक्षद्वीप के सुहेली और कदमत द्वीपों पर बनाए जाएंगे.  जैसे-जैसे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे होटल और पर्यटन उद्योग भी बढ़ेगा. टाटा के इन होटलों में पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था होगी.
कहां बनेंगे कितने कमरे 
कंपनी ने कहा कि सुहेली द्वीप पर 110 कमरों वाले 60 विला और 50 वॉटर विला बनाए जाएंगे. वहीं  कदमत द्वीप पर 110 कमरों वाला होटल और 75 बीच विला और 35 वॉटर विला बनाए जाएंगे. यहां पर्यटकों के लिए स्कूबा डाइविंग, विंडसर्फिंग, स्नॉर्कलिंग, सर्फिंग, वॉटर स्कीइंग जैसी कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
   नये एयरफील्ड से चीन पर नजर 
चीन के साथ नजदीकी बढ़ा रहे मालदीव को जवाब देने के भारत मिनीक्वाय द्वीप पर नया एयरफील्ड बनाने का निर्णय लिया है. इस एयरफील्ड से आम विमान के साथ  फाइटर जेट भी उड़ सकेंगे.
लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति अरब सागर में बेहद अहम मानी जाती है. इसे हिंद महासागर का प्रवेश द्वार कहा जाता है. इसी के मद्देनजर यहां एयरफील्ड बनाने की घोषणा की गई है. जिसकी वजह से समुद्र में भारतीय नौसेना और वायुसेना को पेट्रोलिंग करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा यहां से चीन पर भी आसानी से नजर रखी जा सकेगी. लक्षद्वीप के अगाती द्वीप पर एक एयरपोर्ट है जहां एक बार में एक विमान उड़ान भर सकता है.

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