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ख़रीफ़ फसलों के लिए न्यूनतम गारंटी मूल्य में वृद्धि, केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी

किसानों को राहत, खाद्य तेल, मोटे अनाज, दाल की बढ़ेंगी कीमते

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के न्यूनतम गारंटी मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने का फैसला किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले. इससे जहां किसानों को राहत मिलेगी वहीं खाद्य तेलों, मोटे अनाज और अरहर,मूग दाल की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल सकती है. (Increase in Minimum Guarantee Price for Kharif crops, approval of Union Cabinet)

पिछले वर्ष की तुलना में , करेला (₹983 प्रति क्विंटल) , तिल (₹632 प्रति क्विंटल) और तुअर/अरहर (₹550 प्रति क्विंटल) जैसे तिलहन और दालों के एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि की गई है.

खरीफ फसलों के लिए एमएसपी तय करते समय , भाड़े के मानव श्रम की लागत, बैल श्रम / मशीन श्रम, पट्टा किराया, बीज, उर्वरक, सिंचाई शुल्क आदि, साथ ही कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट चलाने के लिए डीजल / बिजली की लागत और पारिवारिक श्रम के उचित मूल्य पर सभी कारकों पर विचार किया गया है.

केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के विपणन सत्र के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम गारंटी मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की घोषणा की है , जो केंद्रीय बजट 2018 में निर्धारित मानदंडों के अनुसार उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना होगा.  विशेष रूप से , बाजरा (77%) , तुरी (59%) , मक्का (54%) , और उड़द (52%) के लिए एमएसपी से उत्पादन लागत के सापेक्ष अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है. अन्य फसलों के लिए , किसानों को उनकी उत्पादन लागत से 50% अधिक कमाने की उम्मीद है.

अनाज, दालें और खाद्यान्न जैसी विभिन्न फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा यह घोषणा की गई थी. हालांकि धान (ग्रेड ए) , ज्वार , और कपास (लंबा रेशा) जैसी फसलों की उत्पादन लागत पर अलग से जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन किसानों को इन फसलों से भी 50% से अधिक लाभ की उम्मीद है. सरकार ने उच्च न्यूनतम गारंटीकृत मूल्य प्रदान करके उच्च पोषण मूल्य वाली विभिन्न फसलों की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है , जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा और साथ ही विभिन्न खाद्यान्नों का उत्पादन भी बढ़ेगा.

देश में 2003-04 से 2013-14 तक खरीफ सीजन  विपणन के दौरान बाजरा के लिए एमएसपी दर 745 रुपये प्रति क्विंटल और चने के लिए 3,130 रुपये प्रति क्विंटल थी. फिर , 2013-14 से 2023-24 तक एमएसपी में न्यूनतम पूर्ण वृद्धि हुई. मक्का के लिए यह 780 रुपये प्रति क्विंटल और ज्वार के लिए 4,234 रुपये प्रति क्विंटल था.

2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान , खरीफ विपणन सीजन के तहत कवर की गई 14 फसलों की खरीद 4,675.98 लाख मीट्रिक टन थी , जिससे 2014-15 से 2023-24 की अवधि के दौरान इन फसलों की खरीद 7.58 लाख मीट्रिक टन हो गई.

वर्ष 2023-24 के तीसरे संशोधित अनुमान के अनुसार, देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन 3,288.6 लाख मीट्रिक टन और तिलहन उत्पादन 395.9 लाख मीट्रिक टन ,  धान उत्पादन 68.6 मीट्रिक टन , अनाज 241.2 मीट्रिक टन , रागी 130.3 मीट्रिक टन और कपास का उत्पादन 325.2 मीट्रिक टन रहने की उम्मीद है.

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