प्रधानमंत्री के हाथों गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना (GMLR Project ) ट्विन टनल कार्य के भूमिपूजन किया गया.इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकार राज्य मंत्री रामदास आठावले, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, अजीत पवार, स्कूल शिक्षा, मुंबई शहर कै पालक मंत्री दीपक केसरकर; कौशल विकास, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, मनपा कमिश्नर भूषण गगरानी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. यह समारोह गोरेगांव (पूर्व) में नेस्को प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित किया गया था.
ट्विन टनल परियोजना के बारे में जानकारी
• गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना (चरण III) के तहत बोरीवली में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत 4.7 किमी लंबी और 45.70 मीटर चौड़ी जुड़वां सुरंगों का निर्माण किया जाएगा.
• तीसरे चरण में सड़क की कुल लंबाई 6.65 किमी है, जिसमें संपर्क सड़कें और अन्य पहलू शामिल हैं.
• जुड़वां सुरंगें जमीन के अंदर 20 से 160 मीटर गहरी होंगी.
• दोनों सुरंगें 300-300 मीटर की दूरी पर जुड़ी होंगी.
• सुरंग की खुदाई लगभग 14.2 मीटर व्यास वाले टनल बोरिंग प्लांट (टीबीएम) द्वारा की जाएगी.
• सुरंग में आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, वेंटिलेशन सिस्टम, अग्नि सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी, सुरंग के दोनों ओर नियंत्रण कक्ष आदि रहेंगे.
• सुरंगों के नीचे उपयोगिता चैनलों की व्यवस्था जैसे वर्षा जल चैनल, भविष्य में जल आपूर्ति के लिए संभावित चैनल का निर्माण किया जाएगा.
• सुरंग का निर्माण संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ आरे, विहार और तुलसी झील के क्षेत्र की वनस्पतियों और जीवों को परेशान या नुकसान पहुंचाए बिना किया जाएगा. परियोजना के लिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में कोई भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है।
• पशुओं के सुरक्षित आवागमन हेतु पशु पथ का निर्माण किया जाएगा. हर साल करीब 22 हजार 400 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. मुंबईकरों को यात्रा के समय और ईंधन की भी बचत होगी. जुड़वां सुरंगों के निर्माण की अनुमानित कुल लागत- 6301 करोड़ रुपये. ट्विन टनल के निर्माण का समय अक्टूबर 2028 तय किया गया है.
सुरंग परियोजना से विस्थापित आवासीय और वाणिज्यिक परियोजना पीड़ितों के पुनर्वास के लिए ग्राउंड + 23 मंजिल 7 बिल्डिंग और ग्राउंड + 3 मंजिल की व्यावसायिक बाजार का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
• गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (जीएमएलआर) परियोजना कुल चार चरणों में प्रस्तावित है. परियोजना की कुल लंबाई 12.20 किमी है. पूरे प्रोजेक्ट पर कुल 14 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. पहले चरण में नाहुर रेलवे स्टेशन के पास पटरियों के किनारे मौजूदा फ्लाईओवर (आरओबी) को चौड़ा किया जाएगा. दूसरे चरण में 30 मीटर चौड़ी सड़क को 45.70 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा
चरण 3 (ए) में फ्लाईओवर, एलिवेटेड रोटरी का निर्माण होगा.
चरण 3 (बी) में दादासाहेब फाल्के चित्रनगरी, गोरेगांव में 1.22 किमी ट्रिपल-लेन (3 × 3) बॉक्स सुरंग (कट और कवर) और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के तहत 4.7 किमी की जुड़वां सुरंग शामिल है.
• चौथे चरण में नाहुर से ऐरोली टोल प्लाजा तक पूर्वी एक्सप्रेसवे को पार करने वाला प्रस्तावित डबल-स्तरीय फ्लाईओवर और पश्चिमी एक्सप्रेसवे और जीएमएलआर के जंक्शन पर वाहन अंडरपास (वीयूपी) शामिल है.
• गोरेगांव-मुलुंड जोड़ मार्ग मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों को जोड़ने वाली चौथी प्रमुख सड़क है. विशेष रूप से उत्तरी मुंबई में यातायात के लिए बड़ा लाभ होगा. यह परियोजना पूर्व-पश्चिम उपनगरों के बीच एक नया लिंक बनाएगी. जिससे ट्रैफिक जाम से राहत मिल सके.
• यह परियोजना पश्चिमी उपनगरों को नवी मुंबई में प्रस्तावित नए हवाई अड्डे और पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. इस प्रोजेक्ट से नासिक हाईवे पर चलने वाले वाहनों को भी फायदा होगा. जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड की तुलना में यात्रा की दूरी लगभग 8.80 किमी कम हो जाएगी. गोरेगांव और मुलुंड के बीच यात्रा का समय 75 मिनट से घटकर लगभग 25 मिनट हो जाएगा. ईंधन की खपत में बचत से मुंबई के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में भी सुधार होगा.