बीएमसी का आखिरी जलाशय विहार भी हुआ लबालब, भारी बरिश से मुंबई में पेयजल की समस्या खत्म

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई। मनपा के पांच और राज्य सरकार के दो जलाशयों से होने वाली जलापूर्ति से मुंबईकरों की प्यास बुझती है। मानसून जाने से मानसून आने तक मुंबई को 14,47,363 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता होती है। मुंबई को रोजाना 4000 मिलियन लीटर जलापूर्ति की जाती है। जलाशयों में पर्याप्त पानी नहीं रहने पर गर्मी शुरु होते ही पानी कटौती करनी पड़ती है। लेकिन इस वर्ष मई में शुरु हुई बारिश से सभी जलाशय ओवरफ्लो हो चुके हैं। 19 अगस्त को 2. 45 बजे विहार जलाशय भी ओवरफ्लो हो गया। (BMC’s last reservoir Vihar also filled up, heavy rains ended the problem of drinking water in Mumbai)
कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश होने से पहले मध्य वैतरणा, मोडक सागर, तानसा जलाशय ओवरफ्लो हुए थे। मुंबई में कम बरिश होने के कारण सबसे छोटे जलाशय विहार और तुलसी ओवरफ्लो नहीं हुए थे। जबकि हर मानसून यह दोनों जलाशय पहले भरते थे। लेकिन शनिवार को तुलशी जलाशय भर गया और सोमवार को आखिरी बचा जलाशय विहार भी लबालब हो गया। इस कारण मनपा को मुंबई में जलापूर्ति की समस्या खत्म हो गई है।
जलाशयों से रोजाना मिलने वाला पानी
विहार 90 एमएलडी, तुलसी 18 एमएलडी,तानसा 455 एमएलडी, मोडक सागर 455 एमएलडी, अपर वैतरणा 640 एमएलडी और भातसा से 2020 एमएलडी पानी मिलता है। मुंबई में बढ़ती जनसंख्या और उसी अनुपात में पानी की मांग बढ़ने के कारण बीएमसी अब समुद्र के खारे पानी को पीने लायक बनाने के लिए परियोजना पर काम शुरु किया है।
र्ष 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई लेकिन अनुमानित आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में मुंबई की जनसंख्या 2024 में करीब एक करोड़ 40 लाख से अधिक हो गई है। वर्ष 2041 तक मुंबई की जनसंख्या बढ़ कर 1 करोड़ 72 लाख होने का अनुमान है । उसके अनुसार मुंबई को रोजाना 7000 एमएलडी पानी की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए बीएमसी गारगाई प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है।
जनसंख्या के अनुसार मुंबई में ऐसे बढ़ी पानी की मांग
मुंबई की जनसंख्या हर दस वर्ष में करीब 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
वर्ष जनसंख्या जलापूर्ति
1981 82,43,405 1385 एमएलडी
1991 99,25,891 2476 एमएलडी
2001 1,19,14,398 2900 एमएलडी
2011 1,24,42,373 3170 एमएलडी