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रुस में भारतीय उत्पादों की भारी मांग

भारतीयों की बल्ले-बल्ले, रुस के बाजार पर छा जाने की तैयारी

प्रधानमंत्री ने फिर आपदा में अवसर खोजा
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली.देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी भी आपदा को अवसर में कैसे बदलना है बखूबी जानते है. इस बार यह अवसर पुराने मित्र रुस में आया है. यूक्रेन-रुस के बीच विगत 37 दिनों से भीषण लड़ाई चल रही है. नाटो के तमाम देश रुस पर तगड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. वहां खाने पीने की वस्तुओं का संकट न हो इसलिए रुस में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ गई है. भारतीय व्यापारी इसलिए भी खुश हैं कि उनके लिए रुस का बड़ा बाजार हथियाने का बड़ा मौका मिला है इसलिए दोनों हाथों से भुनाने में जुट गए हैं.
 इन वस्तुओं की बढ़ी मांग
 रुस में भारत के चावल,आलू,काली मिर्च, मसालों के अलावा दूसरे उत्पाद को भी निर्यात करने पर विचार कर रहा है. कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) से रूस के अनेक व्यापारिक संस्थानों ने भारतीय सामान के लिए संपर्क किया है. कैट के पदाधिकारियों का कहना है कि भारत के व्यापारी भी रूस को भारतीय उत्पादों का निर्यात करने के लिए बेहद इच्छुक हैं. 2020से 2021मार्च तक भारत रुस के बीच 8.1बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था. जिसमें से रुस ने 5.45 बिलियन डॉलर का आयात किया गया था जबकि भारत ने रुस को 2.6बिलियन डॉलर का निर्यात किया था. खंडेलवाल ने बताया कि यह व्यापार अब रुबल और रुपये में होने से भारत को लाभ होगा.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने एक बयान में कहा कि रूस में भारतीय उत्पादों की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है.
इन उत्पादों को निर्यात की तैयारी
 प्रथम चरण में फ्रूट जैम एवं जैली, कॉर्नफ़्लेक्स, मूसली, चाय, कॉफ़ी पाउडर, चीनी, नमक एवं काली मिर्च के पाउच की मांग आ रही है. इनके अलावा मिल्क पाउडर, फल, सब्जी, चीज, पास्ता का सामान, मक्खन, फ्रूट ड्रिंक, सूप का सामान, मसाले, शहद, बिस्किट्स, अचार, फ्रोजन स्नैक्स, खाद्यान, कैचप, ओट, रेडीमेड खाना, ब्रेड, चावल, बींस, कॉर्नफ्लोर पाउडर, सूप स्टिक्स व आलू के चिप्स आदि सामान की विभिन्न पैकिंग में तुरंत आवश्यकता है.

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