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यदि पौधे में फल नहीं,तो ‘यह’ पौधा भांग समूह से संबंधित नहीं, मुंबई हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण अवलोकन,

आरोपी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई हाईकोर्ट ने  गांजा और भांग में अंतर करने वाला एक महत्वपूर्ण अवलोकन किया है.  (If the plant does not have fruit, then ‘this’ plant does not belong to the cannabis group, the Mumbai High Court made an important observation) यह पहली बार है जब अदालत के स्तर पर इस तरह का अवलोकन किया गया है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कुणाल कडू नामक व्यक्ति  के घर से 48 किलो वजन के तीन पैकेट में हरी पत्ती सामग्री जब्त की. इस मामले में जब कडू ने गिरफ्तारी बचने अग्रिम जमानत के लिए मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो अदालत ने उनकी गिरफ्तारी से पहले अग्रिम  जमानत अर्जी मंजूर कर ली.  इस मामले में कोर्ट ने कहा कि अगर गांजे के पेड़ में फूल और फल नहीं होते हैं तो उसे भोग के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसी आधार पर जस्टिस भारती डांगरे की एकल पीठ ने आरोपी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी को मंजूरी दे दी है. जस्टिस भारती डांगरे की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा कि गांजे के पौधे को तब भांग नहीं कहा जा सकता, जब उसके ऊपर फूल या फल न हों. इसी आधार पर मुंबई हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को व्यावसायिक मात्रा में नशीले पदार्थ रखने के आरोप में अग्रिम जमानत दे दी है.

एनसीबी द्वारा जब्त किए गए भांग के पौधे जिनमें फूल या फल नहीं होते हैं, वे भांग की श्रेणी में नहीं आते है. कोर्ट ने 29 अगस्त को अपने आदेश में कहा कि आरोपी के घर से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो  द्वारा जब्त किए गए पदार्थ और एनसीबी द्वारा रासायनिक विश्लेषण के लिए भेजे गए नमूनों के बीच एक विसंगति थी. दरअसल, गिरफ्तारी से बचने के लिए कुणाल कडू की ओर से दायर जमानत याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा था. एनसीबी ने कुणाल के खिलाफ नशीले पदार्थों और नशीले पदार्थों के अपराध के तहत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

अप्रैल 2021 में एनसीबी ने कडू के घर से 48 किलो वजन के तीन पैकेट में हरी पत्ती सामग्री जब्त की थी. एनसीबी ने आरोप लगाया था कि हरी पत्तेदार पदार्थ गांजा था और कुणाल के घर से जब्त 48 किलो पदार्थ व्यावसायिक उपयोग के लिए था. जस्टिस  डांगरे ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत भांग की परिभाषा समझाते हुए कहा कि भांग, भांग के पौधे के शीर्ष पर फूल या फलने वाली सामग्री है. जब फूल या फलने वाले पौधे के शीर्ष पर नहीं होता है, तो उसमें बीज, पत्ते होते हैं. जब पौधे पर एक साथ फल या फूल उत्पन्न करते हैं, तो वह भांग है. लेकिन जब बीज और पत्ते एक साथ फल नहीं देते हैं, तो इसे भांग नहीं माना जाएगा. कोर्ट ने कहा कि मौजूदा मामले में एनसीबी ने आरोपी के घर से हरी पत्तेदार सामग्री जब्त की है. पौधे के शीर्ष पर फूलों और फलों का कोई उल्लेख नहीं है. इसलिए इसे  या गांजा की श्रेणी में नही रखा जा सकता.

दरअसल गांजा और भांग एक ही प्रजाति के पौधे होते हैं. जिस पौधे में फूल फल आता है वह मादा पौधा होता है. जबकि नर पौधे में फल फूल नहीं लगते हैं.  एनसीबी ने जो हरे पत्ते को गांजा बता कर जब्त किया था वह भांग प्रजाति का था जिस पर हाईकोर्ट ने अपना अवलोकन दिया है.

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