नारायण राणे को सुप्रीमकोर्ट से भी झटका,अब नहीं बचा कोई रास्ता
अधीश बंगले का अवैध निर्माण टूटना तय

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Narayan Rane: दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दी है. (Narayan Rane got a setback from the Supreme Court, now there is no way left) अब उनके जुहू स्थित अधीश बंगले में किए गए अवैध निर्माण का टूटना तय हो गया है. बीएमसी, हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ही आखिरी उम्मीद बची थी, वहां से झटका लगने के अब कोई उम्मीद नहीं बची है.
इससे पहले मुंबई हाईकोर्ट ने बंगले को नियमित करने के लिए दूसरी बार याचिका दायर करने पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बीएमसी दो सप्ताह के भीतर अवैध निर्माण को तोड़ कर कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे.
नारायण राणे कालका रीयर एस्टेट कंपनी के माध्यम से जुहू में अधीश बंगले के अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट इस याचिका पर कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि जुहू स्थित राणे के 7 मंजिला बंगले अधीश के अवैध निर्माण को नियमित नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए दोबारा याचिका दायर करने पर रियल एस्टेट कंपनी पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था.
ऐसे रहा कानूनी कार्रवाई का सफर
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बंगले में किए गए अवैध निर्माण को लेकर ने नोटिस जारी किया था. इसके बाद कालका कंपनी द्वारा निर्माण को नियमित करने के लिए किए गए आवेदन को बीएमसी ने पहले खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने भी बीएमसी से निर्माण को नियमित करने के आवेदन पर सुनवाई करने के लिए कहा था. दूसरी बार सुनवाई के बाद भी बीएमसी ने याचिका खारिज कर दी. कानूनी मुद्दों पर सुनवाई के अंत में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बीएमसी के फैसले को स्वीकार कर लिया और कालका की याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद कालका ने फिर से निर्माण नियमितीकरण के लिए बीएमसी में आवेदन किया. हालांकि कोर्ट के पहले के आदेश को देखते हुए बीएमसी ने कंपनी से कहा कि उन्हें हाईकोर्ट की पूर्व अनुमति लेनी चाहिए. इसलिए, कंपनी ने फिर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की.
बीएमसी के नरम रुख पर कोर्ट सख्त
दूसरी बार राणे के आवेदन पर बीएमसी के नरम रुख को देखते हुए हाईकोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाई थी. क्योंकि दूसरी बार आवेदन पर बीएमसी ने कोर्ट में कहा था कि यदि कोर्ट नियमित करने की अनुमति देती है तो उसे कोई एतराज नहीं है. हाईकोर्ट ने मनपा पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आप अवैध निर्माण पर कारवाई नहीं कर रहे हैं इसलिए हमें करनी पड़ रही है. जस्टिस रमेश धानुका और जस्टिस कमल खाटा की पीठ ने 23 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने आज याचिका खारिज करते हुए बीएमसी को आदेश दिया कि दो सप्ताह में अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर उन्हें उसकी रिपोर्ट दें. कालका रियल एस्टेट कंपनी पर 10 लाख का जुर्माना लगा दिया.
सुप्रीम कोर्ट गए थे राणे
कालका कंपनी ने हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट जाने का समय मांगा. हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राणे की याचिका खारिज कर दी. राणे विरुद्ध शिवसेना का विवाद लंबे समय से चल रहा है. महाविकास आघाड़ी सरकार में नारायण राणे को गिरफ्तार भी किया गया था. हालांकि कोर्ट के सख्त रुख के कारण अब बंगले को बचाने के राणे के पास कोई विकल्प नहीं बचा है.




