उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती पर कोर्ट सख्त, फीडर ठप करने वाले संविदा कर्मियों पर कठोर कार्रवाई करने के आदेश
फीडर ठप कर उत्तर प्रदेश को अंधेरे में ढ़केला

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. UP में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए HC ने कर्मचारियों के खिलाफ वारंट जारी कर बिजली फीडर ठप करने वाले संविदा कर्मियों पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. (High Court strict on power cuts in Uttar Pradesh, orders to take strict action against electricity workers who stop the feeders)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सख्त रुख अपनाया है. आज एडवोकेट विभू राय की याचिका पर सुनवाई करते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. साथ ही योगी आदित्यनाथ सरकार को भी दिशा निर्देश जारी किए हैं. हाईकोर्ट कहा कि प्रदेश में जहां-जहां गड़बड़ी है, वहां तत्काल व्यवस्था बहाल की जाए. कोर्ट ने 20 मार्च को हड़ताली कर्मचारी नेताओं और विभाग के अधिकारियों को तलब किया है.
यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने दिया. दरअसल, एडवोकेट विभू राय ने अपनी याचिका में कहा था कि बिजली कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू किया है, लेकिन हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध करार दे दिया था. इसके बाद भी हड़ताल की गई, जो कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है. इसे अवमानना की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
हड़ताली कर्मचारियों पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन
हड़ताल कर पूरे प्रदेश को अंधेरे में डालने वाले बिजली कर्मचारियों पर योगी सरकार ने एक्शन शुरू कर दिया है. आउटसोर्सिंग पर रखे गए 650 संविदाकर्मियों की सेवा को समाप्त कर दिया गया. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 242 कर्मियों पर कार्रवाई की गई है.
मध्यांचल वितरण निगम 110,पश्चिमांचल में 60 तथा दक्षिणांचल 38 कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अराजकता फैलाने वाले बिजली कर्मी को सूचीबद्ध किया जा रहा है.बिजली फीडर बन्द करने वालो पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. वहीं उर्जा मंत्री ने कहा कि लाइन में फाल्ट किया तो आकाश पाताल से ढूंढ कर कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब हो कि पूर्वांचल सही पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली व्यवस्था ठप हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी इलाकों में बिजली नहीं होने से पानी के लिए लोग परेशान हो गए हैं. किसानों को सिंचाई के लिए जूझना पड़ रहा है.