बच्चे ऊंगली से उठा लेंगे कार, वर्ली के नेहरू चिल्ड्रेन पार्क में इस बार वैज्ञानिकों का तीन नया इन्वेंशन
पृथ्वी दिवस पर बच्चों के लिए तैयार किए गए तीन नये इन्वेंशन

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. छोटे बच्चे अपनी ऊंगली से भारी भरकम कार उठाते हुए दिख जाएं तो चौंकिएगा नहीं. जी हां मुंबई के वर्ली स्थित नेहरू साइंस सेंटर (Nehru Science Center) के चिल्ड्रेन्स साइंस पार्क (Childrens Science Park) में विश्व पृथ्वी दिवस World Erth Day) पर साइंस सेंटर के वैज्ञानिकों ने तीन इन्वेंशन किए हैं जो इस वर्ष बच्चों के आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है. नेहरू साइंस सेंटर, विश्व पृथ्वी दिवस पर हर बार एक नया इन्वेंशन लेकर आता है. इस बार पुरानी कार में साइंस टेक्नोलॉजी, एक स्पिंग हाऊस और विश्व का सबसे बड़ा मेंटिस की आकृति का निर्माण किया गया है. पुरानी कार पर किए गए साइंस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल जिसे बच्चे अपनी ऊंगली से कार को उठा सकते हैं, बच्चों की खिलखिलाहट को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

साइंस वाले घर का मिलेगा अलग अनुभव
नेहरू साइंस सेंटर के वैज्ञानिकों ने बच्चों के मनोरंजन के लिए एक ऐसे घर को तैयार किया है जिसके तीन तरफ की दीवार केवल एक जगह खड़े होकर देख सकते हैं. यह पर्सपेक्टिव हाऊस स्पिंग करता है. इस अनोखे घर को देखने के बाद ऐसा महसूस होगा कि वे घर के भीतर खड़े हैं. बच्चों ही बड़ों को भी साइंस वाले घर का अलग अनुभव मिलेगा.

मांसाहारी टिड्डे ( मेंटिस) की 18 फुट लंबी आकृति
हममें से बहुत सारे लोगों ने बरसात के समय फसलों के पत्तों को खाते हुए टिड्डों को देखा होगा. लेकिन टिड्डा प्रजाति का सबसे खतरनाक शिकारी को केवल टीवी पर ही देखने को मिला होगा. यह टिड्डा इंसेक्टिव को अपने बड़े-बड़े पंजो में पलक झपकते ही दबोच कर चट कर जाता है. चिल्ड्रेन्स पार्क में ऐसे खतरनाक शिकारी की 18 फुट लंबी आकृति का निर्माण किया गया है. वर्ली के चिल्ड्रेन्स पार्क में बच्चे पृथ्वी के ऐसे जीव को निकट से देख सकेंगे. इसे अंग्रेजी में ‘प्रेइंग मेंटिस’ कहा जाता है. यह मेंटिस भी बच्चों के आकर्षण का केंद्र बनने वाला है. असल में मेंटिस की लंबाई 4 सेंटीमीटर से 18 सेंटीमीटर तक हो सकती है. कीड़ा प्रजाति के मेंटिस को इसलिए खतरनाक माना जाता है कि यह अपनी को एक तरफ घुमाने पर 180 डिग्री और दो तरफ गर्दन घुमाने पर 360 डिग्री देख सकता है.
नेहरू साइंस सेंटर के डायरेक्टर डॉ.उमेश कुमार (Director Nehru Science Center Dr. Umesh Kumar) ने बताया कि वर्ली में विश्व का पहला साइंस सेंटर 22 दिसंबर 1979 को बना था. भारत ने पूरी दुनिया को इस तरह का साइंस सेंटर बनाने का आइडिया देकर साइंस की दुनिया के सामने पहली बार अपने ज्ञान को साबित किया था. 6 एकड़ में फैले नेहरू साइंस सेंटर के इस चिल्ड्रेन्स साइंस पार्क में मैकेनिकल गियर, पत्थरों से संगीत निकालने, मोशन कैसे ट्रांसफर करने, कुएं से पानी निकालने का व्हील वाला तरीका जैसे कई इन्वेंशन प्रजेंट किए हैं.
6 एकड़ के चिल्ड्रेन्स पार्क में इससे पूर्व अनेक कृतियां लगाई गई हैं. साइंस की तीन और कृतियां इसमें जुड़ रही हैं. 22 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस पर बार्क के पूर्व वैज्ञानिक और नेशनल साइंस सेंटर फॉर साइंस कम्युनिकेटर के चेयरमैन डॉ. ए पी जयरामन (Dr. A P jayaraman) के हाथों तीनों कृतियों का उद्धघाटन किया जाएगा. बच्चों को नेहरू साइंस सेंटर के वैज्ञानिकों के इस इन्वेंशन का जरूर अनुभव लेना चाहिए.