नई इमारतों के बाहर घुमावदार सीढ़ी लगाना होगा अनिवार्य, आठ सदस्यीय समिति ने सुझाए आग से बचाव के 15 सूत्रीय उपाय

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई की इमारतों में आग से बचाव के लिए इमारतों के बाहरी हिस्से में घुमावदार सीढ़ी बनाने सहित 15 सूत्रीय उपाय योजनाओं का सख्ती के साथ पालन अनिवार्य बनाया जाएगा. गोरेगांव के जय भवानी एसआरए इमारत में लगी आग के बाद नियुक्त की गई 8 सदस्यीय समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट मनपा आयुक्त को सौंप दी. (Spiral staircase will have to be installed outside new buildings, report of fire prevention committee presented)
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश पर यह समिति गठित की गई थी जिसमें मनपा अधिकारी, पुलिस,श अधिकारी, एसआरए, अग्निशमन अधिकारी, म्हाडा और अन्य प्राधिकरणों और एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल थे. समिति के अध्यक्ष मनपा अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे थे.
इमारत के बाहर घुमावदार सीढ़ियां
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि इमारत में आग लगने पर आग और धुएं के कारण भीतर फंसे लोगों को बचाया मुश्किल होता है. इसलिए नई बनाई जाने वाली इमारतों के बाहरी हिस्से में घुमावदार सीढ़ी लगाना अनिवार्य किया जाए. सीढ़ी टिकाऊ और मजबूत हो इसके लिए मजबूत लोहे से बनाया जाना चाहिए.
विकासकों को ओसी लेना हुआ कठिन
एसआरए की इमारतों में अब तीन स्तरीय जांच के बाद ही अधिभोग प्रमाणपत्र (Occupation Sartificate) दिया जाएगा. जिन इमारतों को अधिभोग प्रमाणपत्र दिया गया है , मुख्य अग्निशमन अधिकारी को एसआरए सूची सौंपेगा. सूची मिलने के बाद फायर ऑफिसर’ और पंजीकृत ‘फायर एंड लाइफ सेफ्टी ऑडिटर’ संयुक्त रूप से इमारतों का फायर ऑडिट करेंगे. डेवलपर को अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने से पहले निरीक्षण में यह देखा जाए कि उसने सभी शर्तों को पूरा किया है. इमारतों में अधिभोग प्रमाणपत्र प्राप्त करने से पहले ही लोगों को कब्जा दे दिया जाता है. सभी शर्तों का सख्ती से पालन नहीं हुआ तो ओसी प्राप्त करना कठिन हो जाएगा.
227 एसआरए इमारतों का हर साल फायर ऑडिट
एसआरए द्वारा जिन 227 इमारतों को अनुमोदित किया गया है, फायर ऑडिट डेवलपर/सोसाइटी को अपने खर्च पर हर वर्ष जून माह में फायर ऑडिट कराना होगा. नई इमारतों के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करते समय, अग्नि सुरक्षा उपकरणों और उपायों का पूर्णता प्रमाण पत्र पहले मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा जारी किया जाना चाहिए.
दोष दायित्व 3 वर्ष से बढ़ा कर 10 वर्ष किया जाएगा
इमारतों का निर्माण करने वाले बिल्डरों पर 3 वर्ष तक इमारत के दोष दायित्व की जिम्मेदारी रहती है. समिति ने सुझाव दिया है कि यह दोष दायित्व अवधी 3 साल से बढ़ा कर 10 वर्ष किया जाए. इससे इमारत में कोई कमी पाए जाने पर बिल्डर जिम्मेदार होंगे. बिल्डर को इमारत का निर्माण करते समय प्रत्येक मंजिल पर सामान्य खुली जगह और एक से अधिक सीढ़ियां बनाना अनिवार्य होगा. इन सीढ़ियों की चौड़ाई 2 मीटर से अधिक रखना होगा.
इमारतों में पार्किंग के लिए होगा सख्त नियम
इमारत के निवासियों के लिए दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थानों का सही तरीके से आवंटन करना होगा. पार्किंग के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खुली जगह का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहेगा. इन खुले स्थान, अथवा पार्किंग में किसी भी प्रकार का सामान, ज्वलनशील पदार्थ/रसायन, लकड़ी का सामान, कपड़ों के बंडल आदि रखना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा. मुंबई में जिन स्थानों पर संकरी गलियां हैं, वहां दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग के संबंध में आवश्यक नियम बनाने और उनका सख्ती से पालन करने के लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया जाएगा.
ग्रिल वाले लिफ्ट के दरवाजे की छुट्टी
इमारतों के दरवाजे ग्रिल की बजाय स्टील का बनाया जाना अनिवार्य होगा. ग्रिल वाले दरवाजे होने के कारण भीतर धुआं भर जाता है इससे लोगों की जान को खतरा पैदा हो जाता है. इसलिए आगे से स्टील के दरवाजे लगाने का सुझाव दिया गया है. एसआरए इमारतों में, एसआरए, फायर ब्रिगेड और पीडब्ल्यूडी के संयुक्त निरीक्षण के बाद अंतिम अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किया करने की अनिवार्यता होगी.
प्राथमिक रिपोर्ट की सुझावों पर उपाय योजना लागू होगा
मनपा के अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे ने कहा कि गोरेगांव के जय भवानी इमारत में आग के कारणों और मुंबई की इमारतों में आग लगने की दुर्घटनाओं से बचाने के यह समिति गठित की गई थी. प्राथमिक रिपोर्ट मनपा आयुक्त को सौंप दी गई है. अभी हादसे की जांच चल रही है.