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प्राकृतिक आपदा के समय तुलसी जलाशय का बांध टूटा तो मुंबई में मच सकती है तबाही

संभावित आपदा से निपटने बीएमसी ने की तैयारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई महानगरपालिका मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बनाए गए तुलसी जलाशय का बांध प्राकृतिक आपदा के कारण टूटा तो उसका पूरा पानी दहिसर नदी में आ जाएगा जिससे मुंबई शहर में तबाही मच सकती है. केंद्र सरकार के निर्देश पर इस संभावित आपदा से निपटने के लिए बीएमसी ने तैयारी शुरू कर दी है. कार्य योजना के लिए मनपा ने 15 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है. (If the dam of Tulsi reservoir breaks during a natural disaster, it can cause devastation in Mumbai)

मुंबई शहर को जलापूर्ति करने वाला तुलसी तालाब का बांध भारी बारिश के समय दुर्भाग्य से टूट जाता है और उसका पानी दहिसर नदी से होते हुए मुंबई शहर में फैल जाता है तो यह शहर के लिए भयानक त्रासदी पैदा कर सकता है। इस आसन्न संकट को लेकर चिंतित मनपा जल विभाग अब इससे बचने के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है।

 बीएमसी केंद्रीय जल आयोग के निर्देशानुसार आपातकालीन कार्य योजना तैयार कर रही है. केंद्र सरकार से कहा गया है कि पहले तो दुर्घटना घटित होने से बचाएं और यदि घटित हो तो क्या उपाय करना चाहिए. इसकी कार्य योजना तैयार करें.

मुंबई को सात जलाशयों अपर वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी से रोजाना 3950 मिलियन लीटर पानी जलापूर्ति की जाती है. तुलसी तालाब तो मनपा मुख्यालय से केवल 35 किमी दूर है. तुलसी जलाशय मुंबई को प्रतिदिन 1.8 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है. 6.78 वर्ग किलोमीटर में फैले तुलसी जलाशय का जल संग्रहण क्षेत्र 1.35 वर्ग किमी है .

भारत के आपदा प्रबंधन प्रदर्शन ऑडिट के महालेखा परीक्षक निदेशक बांध सुरक्षा मंत्रालय ने जल संसाधन विभाग को सभी प्रमुख शहर बांधों/जलाशयों के लिए आपातकालीन कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. आपातकालीन योजना ऐसी स्थिति के लिए आपातकालीन प्रबंधन कक्ष, अधिकारियों-संबंधित पुलिस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, प्रधान कार्यालय और सेना, सैन्य बलों और संलग्न संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों, जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को निर्दिष्ट करेगी.

बीएमसी के अधिकारी के अनुसार यदि भारी बारिश, भूकंप, भूस्खलन या किसी भी प्रकार की भू-प्राकृतिक आपदा के कारण शहर के पास के बड़े जलाशय, बांध टूट जाएं, तो बांध का पानी तेज गति से शहर में प्रवेश कर जाए तो बहुत गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है. इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है. साथ ही जानमाल की भारी हानि भी हो सकती है.  इसलिए ऐसे मौकों पर उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए आपातकालीन कार्ययोजना तैयार की जाए.

मानसून के समय ओवरफ्लो होने पर तुलसी जलाशय का पानी दहिसर नदी से होकर समुद्र में चला जाता है.
दहिसर नदी मुंबई की एक महत्वपूर्ण नदी है. यह समुद्र में मिलने से पहले घनी आबादी वाले इलाकों और पश्चिमी रेलवे लाइन के नीचे से होकर गुजरती है. यदि तुलसी जलाशय का बांध टूटता है और उसका पानी दहिसर नदी के अपने उच्चतम स्तर को पार कर शहर में फैलता है तो पहले से तैयार किए गए खतरे के संकेत और निवारक उपाय जीवन की हानि से बचने में बहुत मदद करेंगे.

 

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