मानसून में भरे गए 54 हजार गड्ढे, वेबसाइट पर मनपा दिखा रही मात्र 300 गड्ढे

मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा कि मानसून पूर्व गतिविधियों और योजना के साथ-साथ मानसून के दौरान इसके सावधानीपूर्वक कार्यान्वयन और सूक्ष्म नियोजन के कारण मानसून के दौरान गड्ढों को शीघ्र भरना संभव हुआ है.उन्होंने दावा किया कि बारिश रुकने के बाद मुंबई महानगर में 54,000 गड्ढे भरे गए हैं. मनपा का यह दावा उसकी वेबसाइट से विपरीत है जहां मात्र 300 गड्ढे होने और उसे बुझा देने का जिक्र किया गया है.
अतिरिक्त आयुक्त पी वेलारासू ने कहा कि मुंबई में तीन राजमार्गों और मुख्य सड़कों पर गड्ढे भरने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं. अधिकारियों से कहा कि नागरिकों की शिकायतों पर निर्भर रहने के बजाय मनपा का पूरा सिस्टम इस साल गड्ढों को भरने के लिए सक्रिय रूप से पहल कर रहा था. इस वर्ष हर विभाग के साथ-साथ मुख्य सड़कों पर भी गड्ढों को भरने के लिए किए गए उपायों और सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी.
उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में मुंबई में चार दिन ऐसे थे जब एक ही दिन में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई. इसके साथ ही सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ गया है. लगातार बारिश से गड्ढे हो जाते हैं. जैसे ही बारिश ने ब्रेक लिया, पूरे सिस्टम ने योजना के अनुसार बहुत ही सावधानीपूर्वक प्रदर्शन करते हुए हर जगह के गड्ढों को भर दिया गया. मुंबई की सड़कों पर भारी वाहनों के निरंतर और भारी यातायात को देखते हुए मनपा के सड़क विभाग ने यातायात पुलिस और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय करके इस उपलब्धि को रिकॉर्ड समय में पूरा करने का कारनामा किया है.
मुंबई में ईस्टर्न एक्सप्रेसवे (18.6 किमी – मुलुंड से शिव) और वेस्टर्न एक्सप्रेसवे (27.6 किमी – दहिसर चेक नाका से माहिम) दोनों को नवंबर 2022 से मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के माध्यम से मनपा को स्थानांतरित किया गया है. इसलिए इन दोनों हाईवे की जिम्मेदारी भी मनपा की है. इसके साथ ही ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (17 किमी) की जिम्मेदारी भी मनपा की है. सड़क विभाग ने इन तीनों राजमार्गों की जिम्मेदारी की चुनौती को स्वीकार करते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि इन सड़कों पर गड्ढे न हों,
सड़क पर गड्ढे न हों, इसके लिए बनाई गई सूक्ष्म योजना